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Israel-Hamas War: इजरायल और हमास के बीच जारी के युद्ध के बाद बेंजामिन नेतन्याहू को बड़ा झटका लगा है. इजरायली युद्ध कैबिनेट के सदस्य बेनी गैंट्ज ने इस्तीफा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने गाजा युद्ध के बाद योजना नहीं होने समेत कई कारणों को गिनाया है. बेनी गैंट्ज के इस्तीफे से सरकार तो अभी कोई खतरा नहीं है, लेकिन इसके बाद वह गठबंधन के नेताओं पर अधिक निर्भर हो गए हैं. बेनी गैंट्ज ने इस्तीफा देने से पहले एक टीवी साक्षात्कार में कहा, ‘बेंजामिन हमें गाजा में वास्तविक जीत की ओर बढ़ने से रोकते हैं, इसलिए आज हम भारी मन से आपातकालीन सरकार से इस्तीफा दे रहे हैं.’
बेनी गैंट्ज ने इस कदम से पहले पिछले महीने ही नेतन्याहू को अल्टीमेटम दिया था, उन्होंने 8 जून तक गाजा युद्ध के लिए नई योजना बनाने की बात कही थी. बताया जा रहा है कि बेनी गैंट्ज शनिवार को ही इस्तीफा देने वाले थे, लेकिन इजरायली बलों के एक ऑपरेशन में 4 बंधकों की रिहाई से जुड़ी खबर आने के बाद उन्होंने इसे स्थगित कर दिया था. इस ऑपरेशन में 270 लोगों की मौत हुई है. मिडिल ईस्ट आई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इजरायली बलों ने लोगों के घरों को निशाना बनाया है और बमबारी की है. एक शख्स ने कहा कि इस ऑपरेशन में निर्दोष लोग मारे गए हैं, मैंने ऐसा कभी नहीं देखा. यह एक तरह की तबाही है.’
नेतन्याहू ने इस्तीफा नहीं देने की अपील की थी
रिपोर्ट के मुताबिक, गैंट्स को रोकने के लिए भी नेतन्याहू ने काफी प्रयास किया था. शनिवार को नेतन्याहू ने सरकार में बने रहने की अपील की थी. नेतन्याहू ने कहा था कि हमारे सामने मौजूदा संकटों को देखते हुए सरकार के भीतर एकजुट रहना जरूरी है. नेतन्याहू ने कहा, ‘मैं बेनी गैंट्ज से अपील करता हूं कि वह आपातकालीन सरकार न छोड़ें, एकता को बनाए रखें.’ दरअसल, 7 अक्टूबर को हमास हमले के बाद 4 दिन के भीतर ही युद्ध कैबिनेट का गठन किया गया था. गैंट्ज के इस्तीफे के बाद युद्ध कैबिनेट में नेतन्याहू की पार्टी के अलावा किसी अन्य पार्टी का प्रतिनिधित्व खत्म हो जाएगा.
कैबिनेट में नए सदस्य की नियुक्ति की मांग
अब इस कैबिनेट में नेतन्याहू के अलावा निर्णय लेने के लिए रक्षामंत्री योव गैलेंट अकेले सदस्य बचेंगे. ये नेतन्याहू के पार्टी लिकुड के सदस्य हैं. बेनी गैंट्ज के इस्तीफे के बाद धुर दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इटमार बेन-ग्विर ने तुरंत युद्ध कैबिनेट में एक सीट की मांग की है. उन्होंने कहा कि अब साहसी निर्णय लेने का समय आ गया है. वहीं कुछ विपक्षी नेताओं ने इस्तीफे को सही ठहराया है.
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