[ad_1]
शनि जयंती।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
छह जून को शनि जयंती के साथ-साथ वट सावित्री का व्रत भी मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दोनों ही काफी महत्व रखते हैं। वहीं इस दिन महासंयोग भी बन रहा है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए वट सावित्री का व्रत रखती हैं। इस बार ज्येष्ठ मास की अमावस्या छह जून को मनाई जाएगी। इसके साथ ही देवपितृअमावस्या पर पितरों का श्राद्ध व तर्पण भी होगा।
छह जून को शनि जयंती के साथ वट सावित्री का व्रत मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वट सावित्री और शनि जयंती का महासंयोग बन रहा है।
माना जाता है कि इस दिन शनि देव का प्राकट्य हुआ था। इस दिन शनि संबंधी उपाय करने से कई लाभ मिलते हैं। इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा, उपाय, मंत्र और जाप होते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव की कृपा हमारे ऊपर बनी रहती है।
शनि जयंती पर पूजन के लिए सुबह 10:36 से 12:20 तक, दोपहर 12:20 से 14:04 तक, दोपहर 02:04 से 03:41 तक और शाम 05:33 से 07:17 तक का मुहूर्त है। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पं. दीपक मालवीय के अनुसार शनिदेव के पूजन से जातक की सभी परेशानी दूर होती हैं और बिगड़े काम भी बन सकते हैं।
शनि जयंती पर राशि अनुसार उपाय करें
- मेष- आर्थिक स्थिति सुधरेगी, जीवन की बाधाएं दूर होंगी। शनि मंत्र का जाप करना लाभकारी होगा।
- वृषभ- करियर में परिवर्तन और नए जीवन की शुरुआत हो सकती है। सेहत पर ध्यान दें। पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर परिक्रमा करें।
- मिथुन- करियर में बड़े परिवर्तन का समय है। जरुरतमंद को अन्न या भोजन का दान करें।
- कर्क – करियर में थोड़ा लाभ होगा, रुकावट दूर होगी। शनि मंत्र का जाप करें।
- सिंह- करियर और स्थान में परिवर्तन की स्थिति बन सकती है। पीपल के नीचे दीपक जलाएं, तेल का दान करें।
- कन्या- स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति में सुधार होगा। अन्न या वस्त्र का दान कर सकते हैं।
- तुला- स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति में उतार चढ़ाव रहेगा। शनि मंत्र का अधिक से अधिक जप करें।
- वृश्चिक- आकस्मिक स्थान परिवर्तन हो सकता है। वाहन और संपत्ति लाभ के योग बने हुए है। अन्न या वस्त्र का दान करें।
- धनु- जीवन में बड़ी सफलता और प्रतिष्ठा का लाभ मिलेगा। निर्धनों को अन्न या भोजन का दान करें।
- मकर- करियर व सेहत के मामले में कोई भी रिस्क न लें। इस समय शांति और धैर्य बनाएं रखें। शनि मंत्र का जाप करें।
- कुंभ- जीवन व्यवस्थित होगा, सुधार की स्थिति बनेगी। पीपल के नीचे दीपक जलाएं, वृक्ष की परिक्रमा करें।
- मीन- करियर और धन की स्थिति संतोषजनक है। अन्न और वस्त्र का दान करें।
[ad_2]
Source link