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जोहान्सबर्ग. दक्षिण अफ्रीका की सत्तारूढ़ अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (ANC) शुरुआती नतीजों और अनुमानों के अनुसार अपने 30 साल के निर्विवाद बहुमत को खोने की कगार पर है. लगभग एक चौथाई मतों की गिनती के साथ ANC फिलहाल आगे चल रही है. उसे 43 फीसदी वोट हासिल हुए हैं. यह 2019 में मिले 57 फीसदी से बहुत कम है. उदारवादी डेमोक्रेटिक अलायंस (DA) 25 फीसदी वोट के साथ दूसरे स्थान पर है. वामपंथी आर्थिक स्वतंत्रता सेनानी (EFF) 9 फीसदी वोट के साथ तीसरे स्थान पर है. वहीं पूर्व दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा की पार्टी uMkhonto weSizwe (MK) को आठ प्रतिशत वोट मिले हैं. चुनाव के अंतिम नतीजे इस हफ्ते के अंत तक आने की उम्मीद है.
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक “एएनसी के एक बड़ा झटका लगा है. यह एएनसी के लिए सिस्टम के लिए एक झटका है और अंततः औसत दक्षिण अफ्रीकी के लिए भी सिस्टम के लिए एक झटका होगा. जिसने 1994 से ही एएनसी शासन को जाना है. अगर राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा की पार्टी को मिलने वाले वोट 50 फीसदी से नीचे रहते हैं, तो उन्हें नई सरकार बनाने के लिए गठबंधन सहयोगियों की तलाश करनी होगी. एएनसी ने लगातार पांच कार्यकालों तक दक्षिण अफ्रीका के लोकतंत्र पर अपना दबदबा बनाए रखा है.
उसको श्वेत अल्पसंख्यक शासन को उखाड़ फेंकने और इसकी प्रगतिशील सामाजिक कल्याण और अश्वेत आर्थिक सशक्तिकरण नीतियों में अपनी भूमिका के लिए सम्मान दिया जाता है. इन नीतियों को लाखों अश्वेत परिवारों को गरीबी से बाहर निकालने का श्रेय दिया जाता है. हालांकि लगभग तीन दशकों के निर्विवाद शासन में इसकी लीडरशिप कई बड़े भ्रष्टाचार के घोटालों में फंसी है. बहरहाल दक्षिण अफ्रीका में अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रही है, और अपराध और बेरोजगारी के आंकड़े रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं.
राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनावों में 52 राजनीतिक दल और पहली बार बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं. राष्ट्रपति रामाफोसा को पूरा विश्वास है कि उनकी पार्टी सत्ता में वापस करेगी. रामाफोसा ने वोट डालने के बाद मीडिया से कहा कि ‘दक्षिण अफ्रीका के लोग आज मतदान करके एएनसी को पूर्ण बहुमत देंगे. इसे लेकर मेरे मन और मस्तिष्क में कोई संदेह नहीं है.’
FIRST PUBLISHED : May 30, 2024, 23:41 IST
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