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प्रचंड गर्मी के कारण हॉस्पिटल में 4 नवजात शिशुओ की तबियत बिगड़ गई। जिसमें से दो नवजात की हॉस्पिटल में मौत हो गई। वहीं दो नवजात शिशुओ को झालावाड़ रेफर किया गया। मामला रामगंजमंडी क्षेत्र के सुकेत सामुदायिक स्वास्थ केंद्र का है। हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवा
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परिजनों का दावा – गर्मी के कारण बच्चों की हुई मौत
प्रसूता सपना पत्नी दरबार सिंह और सविता कुमारी पत्नी मिथुन ने 26 मई को दो नवजात शिशुओं को जन्म दिया था। मृतक नवजात शिशु के पिता दरबार सिंह ने बताया कि सुकेत अस्पताल में प्रसव कराया था। इसके बाद मां और बच्चे को वार्ड में भर्ती कर दिया गया। जहां केवल पंखे लगे हुए थे। जिनसे गर्म हवा आ रही थी। वार्ड में एक कूलर लगा हुआ था और 4 शिशु भर्ती थे। मेरा बच्चा गर्म हो रहा था, ऐसे में मैने सिस्टर को बच्चे को बुखार आने की जानकारी दी, लेकिन सिस्टर ने गर्म हवा के कारण बच्चे को गर्म होना बताया। अस्पताल में डॉक्टर नही था। डॉक्टर होता तो शायद मेरे नवजात शिशु की जान बच जाती। वही नवजात की मौत होने के बाद भी हॉस्पिटल स्टॉफ में बच्चे को झालावाड़ रेफर करने का टिकट बनाकर दे दिया। ताकि लापरवाही छिपाई जा सके।
उप प्रधान सुनील गौतम की सूचना पर ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रइस खान अस्पताल पहुंचे। ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी रइस खान का कहना है कि नवजात शिशुओ की मौत गर्मी के आलावा अन्य कारणों से हो सकती है। जिसको लेकर जांच टीम बनाई गई है। यह सही है कि प्रसूता वार्ड के कूलर डॉक्टर और नर्सिंगकर्मियों की चैंबर में लगे हुए थे।
जिसके बाद मामले की जानकारी लेकर वार्ड में 4 कूलर लगाने और 1 डॉक्टर को 24 घंटे अस्पताल में ड्यूटी के लिए नियुक्त करने के निर्देश जारी किए। वहीं नवजातों की मौत के मामले में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अधिकारियो को चिकित्सक से जवाब मांगते हुए जांच कमेटी के निर्देश दिए। जानकारी के अनुसार जनाना वार्ड में अस्पताल प्रबंधन ने कूलर की व्यवस्था नही की हुई है। वार्ड में केवल पंखे ही लगे हुए है। जिनसे आती गर्म हवा वार्ड में भर्ती नवजात शिशुओं की मौत का कारण बन गई।
प्रसूता वार्ड के कूलर डॉक्टर और स्टाफ चैंबर
उप प्रधान सुनील गौतम ने बताया कि विभाग ने हालही में बढ़ती गर्मी वार्ड के लिए 3 कूलर भेजे गए थे, लेकिन उन कूलरों को वार्ड में नही लगाकर अन्य जगहों पर लगा दिया गया। ऐसे में वार्ड में पंखों के सहारे रखे गए दो नवजातों की गर्मी से मौत हो गई।
जांच टीम का किया गठन-बीसीएमओ
ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रइस खान ने बताया कि प्रसव हुए 72 घंटे हो चुके थे। जिनको सुबह ही छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन परिजन शिशुओं को लेकर नही गए। एक शिशु को समय से झालावाड़ रेफर कर दिया गया था। अस्पताल में दो शिशुओं की मौत हुई है। गर्मी से हुई ये जांच का विषय है। जिसके लिए जांच कमेटी गठित कर दी गई है। वही वार्ड में 1 कूलर पहले से लगा हुआ था। यह सही है कि विभाग ने 4 कूलर भेजे थे जिसमे से दो कूलर डॉ और नर्सिंगकर्मी की चैंबर में लगे हुए मिले। लेकिन वार्ड में 1 कूलर से बढ़ाकर 4 कर दिए है। साथ ही 24 घण्टे के लिए 1 डॉक्टर की अस्पताल में नियुक्ति कर दी गई है।
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