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Nawaz Sharif on India-Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंगलवार (28, मई) को स्वीकार किया कि इस्लामाबाद ने भारत के साथ 1999 में उनके और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा हस्ताक्षरित समझौते का उल्लंघन किया है. उन्होंने जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा कारगिल में किए गए हमले के स्पष्ट संदर्भ में यह बात कही.
सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी की आम परिषद को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा, ‘‘28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए. उसके बाद वाजपेयी साहब यहां आये और हमारे साथ समझौता किया, लेकिन हमने उस समझौते का उल्लंघन किया. यह हमारी गलती थी.’’
परमाणु परीक्षण पर क्या बोले नवाज शरीफ?
पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण की 26वीं वर्षगांठ मनाने के बीच नवाज शरीफ ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान को परमाणु परीक्षण करने से रोकने के लिए पांच अरब अमेरिकी डॉलर की पेशकश की थी, लेकिन मैंने इनकार कर दिया. अगर (पूर्व प्रधानमंत्री) इमरान खान जैसे व्यक्ति मेरी सीट पर होते तो उन्होंने क्लिंटन का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया होता.
क्या था समझौता?
दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 21 फरवरी, 1999 को लाहौर समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता के दृष्टिकोण की बात करने वाले इस समझौते ने एक बड़ी सफलता का संकेत दिया, लेकिन कुछ महीने बाद जम्मू-कश्मीर के कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठ के कारण कारगिल युद्ध शुरू हो गया.
पीएमएल-एन के अध्यक्ष चुने गए नवाज शरीफ
बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है. नवाज शरीफ लगभग छह साल बाद पार्टी के अध्यक्ष चुने गए हैं.
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