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Pakistan Nuclear Test History : पाकिस्तान ने 1998 में आज के दिन यानी 28 मई को परमाणु बम का सफल परीक्षण किया था. इस ऐतिहासिक दिन की खुशी मनाने के लिए पाकिस्तान में एक दिन का राष्ट्रीय अवकाश है. इसको लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा, 1998 में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान को परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र बनाने के लिए दबाव और प्रलोभनों को नकार कर साहसिक नेतृत्व का प्रदर्शन किया था. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने इस मौके पर पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को भी याद किया. शहबाज ने एक्स पर लिखा, मैं पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के संस्थापक प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को उनकी रणनीतिक दूरदर्शिता और इस उद्देश्य के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. ये वि़डंबना है कि शहबाज शरीफ जिसको पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का क्रेडिट दे रहे हैं, उसी भुट्टो को पाकिस्तानी सेना ने फांसी पर लटका दिया था.
May 28 signifies more than just a mere commemoration of a day; it encapsulates the narrative of our nation’s arduous yet remarkable path towards establishing a credible minimum deterrence.
On this historic day ,in 1998, PM Nawaz Sharif demonstrated bold leadership by rejecting…
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) May 27, 2024
अपनी क्षमता से नहीं मिला था पाकिस्तान को यह परमाणु बम
पाकिस्तान को यह परमाणु बम अपनी क्षमता से नहीं मिला था. चीन की मदद के बिना पाकिस्तान का परमाणु बम कभी अस्तित्व में नहीं आता. सितम्बर 2023 में बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियारों का भंडार है. पाकिस्तान परमाणु शक्ति वाला दुनिया का सबसे गरीब देश है.
पाकिस्तान ने ‘घास खाकर’ बना डाला परमाणु बम?
1974 में जब भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण शुरू किया तो पाकिस्तान ने भी तिलमिलाकर अपने परमाणु कार्यक्रम पर काम शुरू करने का ऐलान किया था. 1965 में जब भुट्टो पाकिस्तान के विदेश मंत्री थे तो उन्हें भारत के परमाणु कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिल गई थी. भुट्टो ने कहा था कि अगर भारत परमाणु बम बनाता है तो पाकिस्तान को भी यह बनाना होगा, भले ही घास या पत्तियां खाए, चाहे भूखा ही रहें, लेकिन हम परमाणु बम हासिल करेंगे. हालांकि, उनके ऐलान के करीब 3 दशक बाद 28 मई 1998 में पाकिस्तान ने सफल परीक्षण किया.
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