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– फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग करीब 29 हजार मेगावाट बनी हुई है। पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन पर्याप्त बिजली का इंतजाम होने का दावा कर रहा है, लेकिन स्थानीय फाल्ट की वजह से उपभोक्ता परेशान हैं।
प्रदेश में दो दिन पहले 29,215 मेगावाट बिजली की मांग का रिकार्ड बना, लेकिन सोमवार को मांग में मामूली गिरावट हुई और यह 29,084 मेगावाट रही। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि अभी तीन दिन तक मांग इसी के आसपास बनी रहेगी।
ऊर्जा विभाग का दावा है कि शहर से लेकर ग्रामीण इलाके तक 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है, जबकि हकीकत एकदम अलग है। गांवों में लोगों को घंटों बिजली का इंतजार करना पड़ रहा है तो शहर के लोग भी रात में कटौती से बेहाल है। राजधानी लखनऊ में भी रात में कई बार 10 मिनट से आधे घंटे के लिए कटौती हो रही है। हालांकि विभागीय अधिकारी इसे स्थानीय फॉल्ट का नाम देते हैं।
अनपरा व टांडा में उत्पादन शुरू
उधर, पिछले दिनों ठप हुई अनपरा की 500 मेगावाट और टांडा की 110 मेगावाट की इकाई में उत्पादन शुरू हो गया है, जबकि ओबरा की 200, जवाहरपुर की 660, बारा की 660 मेगावाट की उत्पादन इकाई प्रभावित हुई है। उत्पादन निगम की ओर से 4,208 मेगावाट बिजली उत्पादन किया गया है। जबकि 11,348 मेगावाट आयात की गई है।
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