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Pakistan Violence: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ईशनिंदा को लेकर शनिवार को हुई हिंसा के मामले में पुलिस और पीड़ित अलग-अलग बयान दे रहे हैं. पुलिस का कहना है सबकुछ सामान्य है, किसी को कोई चोट नहीं आई है. दूसरी तरफ पीड़ितों का आरोप है कि कई लोग घायल हुए हैं. पंजाब प्रांत के सरगोधा में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय को निशाना बनाया गया था. शनिवार सुबह ही मुजाहिद कॉलोनी में पहुंची भीड़ ने कुरान की बेअदबी का आरोप लगाते हुए ईसाइयों को निशाना बनाया. इस दौरान आगजनी और तोड़फोड़ का भी मामला सामने आया.
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, मौके पर पहुंची पुलिस ने दो ईसाई परिवार को भीड़ से बचा लिया है और कम से कम 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. यह इलाका इस्लामाबाद से करीब 200 किलोमीटर दूर है. सरगोधा पुलिस का कहना है कि ईसाई समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात की गई है. सरगोधा के जिला पुलिस अधिकारी असद इजाज मल्ही ने बताया कि यह हिंसा कथित तौर पर कुरान के अपमान के बाद हुई है. उन्होंने बताया कि हिंसा को रोकने के लिए घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस यूनिट तैनात की गई है.
पुलिस ने पिटाई के वीडियो को बताया फर्जी
हिंसा के बाद दो लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने घायल होने की बात से इनकार किया है. डीपीओ इलाज माल्ही ने बताया कि जब पुलिस मौके पर पहुंची तो भीड़ घरों के बाहर इकट्टा थी. पुलिस ने इलाके की घेराबंदी करके भीड़ को तितर-बितर कर दिया और सभी को सुरक्षित निकाल लिया. पुलिस ने किसी के घायल नहीं होने की बात कही है. दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में एक खून से सने व्यक्ति को पीटते हुए दिखाया गया है. इसके अलावा घरों में घरों में घुसकर फर्नीचर तोड़ते हुए भी दिखाया गया है. डीपीओ ने ऐसे वीडियो को फर्जी बताया है और कानून व्यवस्था दुरुस्त होने की बात कही है.
Violence against Cristian community in Pakistan.
पाकिस्तान में ईसाई समुदाय के खिलाफ हिंसा
— Gyan Jara Hatke (@GyanJaraHatke) May 25, 2024
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने क्या कहा?
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने घायल एक व्यक्ति के रिश्तेदार से बात की है, इसमें उन्होंने बताया कि उसके चाचा को काफी चोटे आई हैं. गंभीर हालत में वह अस्पताल में भर्ती हैं. अल्पसंख्यक अधिकार मार्च की तरफ से जारी बयान में एक 70 वर्षीय वृद्ध पर हमला करने और कारखाने में आग लगाने की बात कही गई है. पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने इन हिंसाओं को लेकर चिंता जाहिर की है.
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