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दिल्ली के वसंत कुंज के एक नामी प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले नौवीं क्लास के नाबालिग लड़के ने जो किया है उससे परिवार और पुलिस दोनों हैरान हैं। 15 साल के किशोर ने 13 क्लासमेट और एक टीचर की तस्वीरों को मॉर्फ करके उन्हें आपत्तिजनक वीडियो में बदल दिया। इसके बाद इसे अपने कुछ दोस्तों को भेज दिया। पुलिस ने बताया कि स्कूल प्रिंसिपल ने तीन मई को एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (छेड़छाड़) और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पुलिस ने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वाले किशोर को 4 मई को पकड़ा गया और उसे किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘जब उससे सवाल किया गया कि उसने ऐसा क्यों किया, तो उसने कहा कि यह सब उसने फन (मनोरंजन) के लिए किया था। उसके पास मिले वीडियो को जब एनालाइज किया गया, तो पता चला कि छात्र ने तस्वीरों को वीडियो में बदलने के लिए एक फोटो एडिटिंग एप्लिकेशन का उपयोग किया था। जिसे बाद में कुछ छात्रों के बीच सर्कुलेट किया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि किशोर के दो चचेरे भाई भी कथित अपराध में शामिल हैं और उनकी भूमिका का पता लगाया जा रहा है। एक दूसरे पुलिस अधिकारी, जो किशोरों से संबंधित मामलों से डील करते हैं, ने कहा कि जिन छात्रों की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया था, उनके माता-पिता पैनिक सिचुएशन में स्कूल अधिकारियों और पुलिस से मिले, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हाल ही में स्कूली छात्रों द्वारा तस्वीरों से छेड़छाड़ के कुछ मामले सामने आए हैं। दरअसल, इनमें से कुछ मामले प्रतिष्ठित स्कूलों से सामने आए हैं। पीड़ित के माता-पिता जाहिर तौर पर चिंतित हो जाते हैं, लेकिन हम सलाह देते हैं कि अगर उन्होंने बच्चे को शांत नहीं किया तो वे कलंक का कारण बनेंगे।’ नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल्स कॉन्फ्रेंस (एनपीएससी) की पूर्व अध्यक्ष सुधा आचार्य ने कहा कि स्कूलों में नो-स्मार्टफोन नीति ऐसी घटनाओं को रोकने में मददगार हो सकती है।
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