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‘सर हमलोग चार दिन से हॉस्टल में कैद हैं, हमें बाहर तक नहीं निकल सकते. बाहर निकलने की मनाही है. कैसे भी हम यहां भगवान से अपने को सुरक्षित रखने का गुहार लगा रहे हैं.’ यह कहना है कीर्जिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे रवि सराठे का. रवि सराठे ने न्यूज 18 से बातचीत में कहा कि सच पूछिए तो यहां हर भारतीय स्टूडेंट दहशत में है. कब क्या हो जाए, नहीं पता. रवि सराठे कंपकपाती आवाज में कहते हैं कि ‘मैं यहां के एशियन मेडिकल इंस्टीटयूट से एमबीबीएस कर रहा हूं. मेरा तीसरा साल है. अभी तक यहां कभी ऐसा नहीं हुआ, लेकिन पिछले चार पांच दिनों से, जो कुछ भी यहां हो रहा है वह समझ से परे है.
जी रहे क्वारंटाइन टाइप जिंदगी
रवि कहते हैं कि एमबीबीएस की पढ़ाई कर उनका सपना डॉक्टर बनने का है. इसी सपने को पूरा करने के लिए वह कीर्जिस्तान तक पहुंच गए, लेकिन कभी ऐसा नहीं सोचा था कि इस तरह कैद होकर जिंदगी काटनी पडेगी. वह आगे कहते हैं कि हम हॉस्टल में क्वारंटाइन टाइप जिंदगी जी रहे हैं. बता दें कि रवि सराठे मध्य प्रदेश के उज्जैन के निवासी है. वर्तमान में वह कीर्गिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से कीर्जिस्तान में स्थानीय लोग बाहरी छात्रों का विरोध कर रहे हैं. कुछ छात्रों से तो वहां के स्थानीय निवासी मारपीट करके घर भी खाली करा रहे हैं. इसके कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. कीर्गिस्तान में ही एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे एक अन्य स्टूडेंट योगेश चौधरी के भाई ने बताया कि भैया बहुत घबराए हुए हैं. वह हॉस्टल में हैं. बाहर निकलना मना है. ऐसे में उनके जैसे सैकड़ों स्टूडेंट्स हॉस्टल से बाहर नहीं निकल सकते. हमलोग बहुत चिंतित हैं.
क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किर्गिस्तान में स्थानीय व बाहरी के बीच विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, यह पूरा मामला मिस्त्र की छात्राओं से छेड़छाड़ की घटना के बाद शुरू हुआ है. इस दौरान दोनों पक्षों में मारपीट हो गई. जिसको लेकर स्थानीय छात्रों ने मारपीट और हिंसा शुरू कर दी. यहां भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के छात्रों के साथ बदसलूकी के अधिक मामले सामने आ रहे हैं.
भारत के हजारों स्टूडेंट्स फंसे
हर साल हजारों की संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स कीर्गिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई करने जाते हैं. वर्तमान में लगभग 30 हजार भारतीय स्टूडेंट्स वहां पढ़ाई कर रहे हैं, जिसमें मध्य प्रदेश के करीब 1200 स्टूडेंट्स कीर्गिस्तान में हैं. इस घटना के बाद उनके परिजनों ने अधिकारियों तक बात पहुंचाई, जिसके बाद इसकी जानकारी सीएम डॉ. मोहन यादव तक पहुंची, तो उन्होंने कुछ छात्रों से वीडियो कॉल पर बातचीत भी की और उन्हें आश्वस्त किया. बता दें कि मध्य प्रदेश के उज्जैन, मंदसौर, नीमच के तमाम बच्चे किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं.
Tags: MBBS student, Medical Students, Neet exam, NEET Topper
FIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 11:31 IST
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