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चुनाव में वैसे तो बिजली-पानी जैसे मुद्दों पर ही चर्चा होती है, लेकिन हरियाणा में दुल्हनों की चर्चा हो रही है। ये चर्चा और कोई नहीं हरियाणा के कुंवारे कर रहे हैं। इन कुंवारों की एक संस्था रांडा यूनियन (बैचलर्स यूनियन) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ए
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पीएम को लिखे लेटर में यूनियन ने लिखा है कि कुंवारे होने के कारण हमें समाज में वह स्थान नहीं मिल पाता है, जिसके वह हकदार है। इस कारण से हम लगातार मानसिक प्रताड़ना झेलते हैं। इसलिए हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाए।
2014 चुनाव में ‘बहु दिलावो-वोट लो’ शुरू हो चुका
हरियाणा में 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में कुंवारों के द्वारा ‘बहु दिलावो-वोट’ मुहिम शुरू की गई थी। इस मुहिम के तहत कुंवारों ने मांग रखी थी कि हमें यदि एक दुल्हन मिलेगी तो हम नेताओं को वोट देंगे। कुंवारों की इन भावनाओं को भुनाने के लिए पूर्व कृषि मंत्री, हरियाणा भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने भाजपा को वोट देने पर कुंवारों के लिए अन्य राज्यों से दुल्हनों की व्यवस्था करने का वादा किया था। हालांकि चुनाव के बाद वह वादा पूर्व कृषि मंत्री ने पूरा नहीं किया।
सूबे में 5 लाख कुंवारे होने का दावा
हरियाणा में रांडा यूनियन का नेतृत्व कर रहे वीरेंद्र सांगवान ने बताया कि हरियाणा में सरकारी डाटा के अनुसार कुंवारों की संख्या 13 हजार है, लेकिन यह वास्तविक डाटा नहीं है। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा में अविवाहित पुरुषों की संख्या सलगभग 5 लाख के करीब है। हरियाणा सरकार ने पारिवारिक आईडी का भरोसा दिया है, लेकिन वास्तविकता यह है कि सिंगल अविवाहित युवाओं को इसके लिए डाक्यूमेंट्स बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है।
उन्होंने मांग रखी कि सिंगल मैन के लिए पारिवारिक आईडी लेने की हमारी प्राथमिक मांग है, लेकिन हमारी इस मांग पर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।
हरियाणा में 1 लाख से ज्यादा हैं दूसरे राज्यों की बहुएं
2020 में यह बात सामने आई थी कि हरियाणा में एक लाख 35 हजार लड़कियां जो अब उम्रदराज हो चुकी हैं, ऐसी हैं, जो पश्चिम बंगाल, असम, केरल, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड से खरीदकर लाई गई थीं।कुछ लड़कियां सीधे खरीदी गईं तो कुछ दिल्ली के रास्ते हरियाणा पहुंचीं। पिछले तीन सालों से पुलिस रिकॉर्ड में ऐसे कुछ ही मामले दर्ज हुए हैं लेकिन अभी भी यह सिलसिला जारी है।
सरकार शुरू कर चुकी कुंवारा पेंशन
हरियाणा में दुल्हन की कमी एक बड़ी समस्या है, इसको देखते हुए पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने कुंवारा पेंशन भी शुरू की है। इस पेंशन के तहत 45 से 60 साल आयु के अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को एक मासिक पेंशन देना सुनिश्चित किया गया है। कुंवारों पेंशन देने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बना है।
पेंशन योजना के तहत 45 से 60 साल के पुरुषों ओर महिलाओं को सरकार की ओर से 2750 रुपए मासिक पेंशन दी जाएगी, जिसके बाद इसे वृद्धावस्था पेंशन में बदल दिया जाएगा। इस पेंशन योजना की पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने 2023 में शुरू किया था, लेकिन अभी तक यह शुरू नहीं हो पाई है।
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