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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जोधपुर जिला के अध्यक्ष और जिला एवं सत्र न्यायाधीश विक्रांत गुप्ता एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जोधपुर जिला की सचिव डॉ. मनीषा चौधरी ने सयुंक्त रूप से सोमवार को केन्द्रीय कारागृह जोधपुऱ का मासिक निरीक्षण किया। इस दौरान केन्
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बंदियों को दी कानूनी अधिकारों की जानकारी
जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष गुप्ता ने बंदियों को उनके कानूनी अधिकारों के विषय में जानकारी प्रदान करते हुए जिन बंदियों के मामले में अधिवक्ता नहीं हैं उनकी ओर से लीगल एड डिफेंस काउंसिल द्वारा मामले में पैरवी करने तथा जमानत की कार्रवाई करने के बारे में जानकारी दी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जोधपुर जिला के अध्यक्ष और जिला एवं सत्र न्यायाधीश विक्रांत गुप्ता एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जोधपुर जिला की सचिव डॉ. मनीषा चौधरी ने सयुंक्त रूप से किया निरिक्षण।
व्यवस्थाओं का लिया जायजा, अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश
निरीक्षण के दौरान जिला न्यायाधीश गुप्ता ने जेल में निरुद्ध बंदियों से व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। साथ ही, उन्हें कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए आयोजित विधिक जागरूकता शिविर के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने बंदियों से वार्तालाप कर उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान उन्होंने केन्द्रीय कारागृह में पुरुष बैरक, भोजन-शाला, अस्पताल का निरीक्षण किया। एवं भोजनशाला में साफ-सफाई, आहार, भोजन की गुणवत्ता औसतन सही पाई। निरीक्षण के दौरान उन्होंने बंदियों को बताया कि यदि उन्हें निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो वे कारागृह प्रशासन के माध्यम से अपना प्रार्थना पत्र भेज सकते हैं।
इस दौरान छोटे अपराधों में निरुद्ध ऐसे बंदी, जो लम्बे समय से जेल में हैं, उनके मामलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा त्वरित संज्ञान लेने तथा संबंधित न्यायालय में जमानत आवेदन दाखिल कराये जाने हेतु सचिव डॉ. मनीषा चौधरी को निर्देशित किया गया। साथ ही, ऐसे बंदी जिनकी जमानत स्वीकृत हो गई है, किन्तु किसी असमर्थतता के कारण जमानत प्रस्तुत नहीं किया गया है, ऐसे मामलों में धारा 440 द.प्र.सं. के अन्तर्गत आवेदन संबंधित न्यायालय में दाखिल कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
विधिक साक्षरता शिविर से बंदी हो रहे लाभान्वित
जेल उपाधीक्षक स्वामी ने जिला न्यायाधीश को जानकारी दी कि जेल निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर से बंदी लाभान्वित हो रहे है तथा बंदियों की पहले की तुलना में रिहाई भी अधिक हो रही है। स्वामी द्वारा बंदियों को जेल नियमावली के विषय में जानकारी दी गई तथा जेल लीगल एड क्लिनिक के माध्यम से जिन बंदियों के मामलों में अधिवक्ता नहीं हैं, उन्हें पैरवी करने तथा जमानत आवेदन दाखिल कराये जाने के लिए विधिक सहायता प्रदान कर निःशुल्क अधिवक्ता दिलाये जाने के बारे में बताया। साथ ही, बंदियों को रिहा होने के उपरान्त पुनः अपराध न करने की सलाह दी गई।
यह रहे उपस्थित
इस दौरान जेल अधिकारी हनवंत, लीगल एड डिफेंस काउंसिल के चीफ प्रेमेन्द्र पुरी सहित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी उपस्थित रहे।
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