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Ebrahim Raisi: ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की रविवार को हुए हेलिकॉप्टर हादसे के बाद मौत हो गई, उनके साथ हेलिकॉप्टर में सवार अन्य 8 लोगों के भी मारे जाने की खबर है. ऐसे में पूरी दुनिया का ध्यान इब्राहिम रईसी की तरफ खिंच गया है. लोग यह जानने में जुट गए हैं कि आखिर इब्राहिम रईसी कौन हैं, उनका राजनीतिक इतिहास क्या रहा है? ईरान की सरकार इस हादसे को हार्ड लैंडिंग बता रही है, लेकिन दुनिया के राजनीतिक विश्लेषक अन्य पहलुओं पर भी विचार कर रहे हैं. क्योंकि इब्राहिम रईसी का नाम ईरान में हुई सामूहिक फांसी से भी जुड़ा है.
साल 1988 में ईरान में सामूहिक रूप से दी गई फांसी में भी इब्राहिम रईसी का नाम जुड़ा है, ऐसे में अमेरिका समेत कई देशों से इब्राहिम रईसी प्रतिबंधों का सामना कर रहे थे. इब्राहिम रईसी की दुनिया में काफी कट्टरवादी छवि है. ईरान के 63 वर्षीय नेता इब्राहिम रईसी पॉलिटिक्स से पहले ईरान की न्यायपालिका से जुड़े थे. पहले चुनाव के दौरान उदारवादी छवि वाले नेता मौलवी हसन रूहानी से रईसी हार गए थे. इसके बाद इब्राहिम रईसी एक बार फिर चुनाव लड़े और इस बार उन्होंने कम मार्जिन से चुनाव में जीत हासिल की.
साल 2017 में इब्राहिम रईसी बने राष्ट्रपति
साल 2017 के चुनाव में रईसी के सभी विरोधियों को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था, क्योंकि रईसी विरोधी नेता ईरान की जांच प्रणाली का सामना कर रहे थे. इस चुनाव में रईसी को ईरान की 2.89 वोटर्स में से 62 फीसदी वोट मिले थे. इसे इस्लामिक गणराज्य ईरान के इतिहास में सबसे कम वोट प्रतिशत माना जाता है. साल 2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद जब इब्राहिम से साल 1988 में हुई सामूहिक फांसी के बारे में पूछा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. ईरानी मीडिया के मुताबिक, सामूहिक रूप से फांसी पाने वालों में राजनीतिक बंदी, उग्रवादी और अन्य लोग शामिल थे.
इब्राहिम के समय में 5 हजार लोगों को दी गई फांसी
बताया जाता है कि ईरानी विपक्षी समूह मुजाहिदीन-ए-खल्क के सदस्यों ने सद्दाम हुसैन की मदद से भारी हथियारों से लैस होकर ईरानी सीमा पर धावा बोल दिया था, उस दौरान ईरान ने मुजाहिदीन के हमले को विफल कर दिया था. उसी समय देश में मुकदमे शुरू हुए और प्रतिवादियों से पहचान बताने के लिए कहा गया. एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘मुजाहिदीन’ का जवाब देने वालों को तुरंत मौत के घाट उतार दिया गया. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों का अनुमान है कि उस समय ईरान में कम से कम 5 हजार लोगों को फांसी दी गई. इब्राहिम रईसी उस समय फांसी की सजा देने वाले आयोग से जुड़े थे.
इब्राहिम के आदेश पर इजरायल में हुआ था हमला
ईरान 85 वर्षीय सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खुमैनी द्वारा शासित है, लेकिन राष्ट्रपति के रूप में रईसी सेवा दे रहे हैं. रईसी ने अप्रैल महीने में इजरायल पर हमले का भी समर्थन किया था. इस दौरान इजरायल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागी गई. यह हमला सीरिया के दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हुए संदिग्ध हमले के बाद किया गया था. इब्राहिम रईसी साल 2022 में हिजाब पहनने को लेकर हुए विरोध में भी शामिल थे. महीनों तक चली सुरक्षा कार्रवाई में 500 से अधिक लोग मारे गए और 22 हजार से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया.
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