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गुरुग्राम में प्रतिबंधित एरिया में जमकर अवैध निर्माण हो रहे हैं।
हरियाणा के गुरुग्राम में आयुध डिपो के 900 मीटर के प्रतिबंधित एरिया में हाईकोर्ट की रोक के बावजूद जमकर अवैध निर्माण हो रहे हैं। नगर निगम ने कोड ऑफ कंडक्ट और राज्य सरकार के आदेशों का हवाला देते हुए किसी भी तरह की कार्रवाई से हाथ खड़े कर दिए हैं और इसी क
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रजिस्ट्रियां तक हो गईं
भूमाफिया और प्रशासन की साठगांठ का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि प्रतिबंधित एरिया में अवैध निर्माण के साथ-साथ भूमाफिया रजिस्ट्रियां तक कराने में सफल हो गया। वर्ष 2015 से 2020 के बीच यहां 47 रजिस्ट्रियां हुईं। तत्कालीन मंडलायुक्त की ओर से वर्ष 2020 में की गई जांच में इसका खुलासा हुआ।
प्रतिबंधित एरिया में हाईकोर्ट की रोक के बावजूद जमकर अवैध निर्माण हो रहे हैं।
एयरफोर्स के सर्वे में खुली पोल
गुरुग्राम में पांच-छह साल पहले हाईकोर्ट के आदेश पर एयरफोर्स के आयुध डिपो के 900 मीटर के इलाके का सर्वे किया गया था। एक कंपनी की ओर से किए गए इस सर्वे में पता चला कि भूमाफिया ने आयुध डिपो से लगते इलाके में बड़े पैमाने पर बिल्डिंग्स वगैरह खड़ी कर दी है।
हाईकोर्ट में पेश की गई सर्वे रिपोर्ट से साफ हो गया कि यह सबकुछ जिम्मेदार अफसरों की मिलीभगत से हुआ। उसके बाद कार्रवाई के लिए गुरुग्राम नगर निगम, पुलिस-प्रशासन और एयरफोर्स की जॉइंट टीम बनाई गई लेकिन कुछ नहीं हुआ।
हाईकोर्ट ने एहतियातन लगाई है रोक
गुरुग्राम में इंडियन एयरफोर्स का बड़ा एम्युनेशन डिपो है। इस डिपो से लगते 900 मीटर के एरिया को प्रतिबंधित घोषित करते हुए हाईकोर्ट ने यहां किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा रखी है। डिपो में स्टोर गोला-बारुद की वजह से कोई अनहोनी न हो जाए, इसलिए एहतियाती कदम उठाते हुए यह रोक लगाई गई है। फिलहाल इस केस पर हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही है।
जॉइंट कमिश्नर डॉ. नरेश कुमार।
संयुक्त आदेश बोले- 25 मई के बाद ही कर पाएंगे कार्रवाई
इस मुद्दे पर गुरुग्राम नगर निगम के जॉइंट कमिश्नर डॉ. नरेश कुमार का तर्क है कि फिलहाल चुनाव आचार संहिता लगी हुई है और राज्य सरकार ने किसी भी तरह की तोड़फोड़ नहीं करने के आदेश दे रखे हैं।
डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि कोड ऑफ कंडक्ट के दौरान नगर निगम की टीमें सिर्फ अवैध निर्माण की फोटो खींच सकती है और नोटिस दे सकते है। किसी साइट पर स्टे है तो अवैध निर्माण करने वालों को गोली तो मार नहीं सकते। नगर निगम ने सभी को नोटिस दे रखे हैं। 25 मई को हरियाणा में लोकसभा चुनाव की पोलिंग हो जाने के बाद नगर निगम कार्रवाई शुरू करेगा।
नगर निगम अवैध निर्माण पर कार्रवाई के कर रही है बड़े दावे।
14 मई को इसे छोड़ बाकी अवैध निर्माण हटाए निगम ने
नगर निगम के जॉइंट कमिश्नर डॉ. नरेश कुमार बेशक कोड ऑफ कंडक्ट का हवाला देकर चुपचाप बैठे हों लेकिन नगर निगम ने बीती 14 मई को ही कई अवैध निर्माण हटाए थे। गुरुग्राम नगर निगम के X हैंडल से 14 मई को फोटो जारी करते हुए बताया गया कि नगर निगम ने सतगुरु फॉर्म, मियांवाली कॉलोनी और नोबेल फॉर्म में 5 अवैध निर्माण ढहाए हैं। ऐसे में एक एकड़ में बन रहे एक हजार मकानों पर कार्रवाई न करने का डॉ. नरेश कुमार का तर्क समझ से परे है।
अलग टीम लेकिन भूमाफिया पर कोई एक्शन नहीं
गुरुग्राम नगर निगम में हर महीने अवैध निर्माण से जुड़ी औसतन दो से तीन दर्जन शिकायतें पहुंचती हैं। नगर निगम ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद आयुध डिपो के 900 मीटर के प्रतिबंधित एरिया में अवैध निर्माण रोकने के लिए अलग से इंफोर्समेंट टीम भी बना रखी है लेकिन कार्रवाई में पिक एंड चूज की नीति अपनाई जाती है।
नगर निगम कर रही है कार्रवाई के दावे।
आरडब्ल्यूए व स्थानीय लोगों का कहना है कि जो लोग अपने रहने के लिए घर बनाते हैं उन्हें तो निगम टीम तोड़ देती है लेकिन कमर्शियल बिल्डिंग, बहुमंजिला इमारतों और काम्प्लेक्स-फ्लैट की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखती।
एक्सपर्ट्स बोले- नोटिस देने की जरूरत नहीं
एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्रतिबंधित एरिया में किए जाने वाले निर्माण को ढहाने के लिए किसी तरह के नोटिस देने की जरूरत नहीं पड़ती। नोटिस देने का खेल सिर्फ किसी को संरक्षण देने के लिए होता है। इसी प्रक्रिया का फायदा उठाते हुए भूमाफिया रातों रात बिल्डिंग खड़ी कर लेते हैं। हाईकोर्ट के आदेश में साफ कहा गया है कि प्रतिबंधित एरिया में कोई निर्माण नहीं हो सकता।
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