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रोहतक में परशुराम जन्मोत्सव पर कानून की अनदेखी करते हुए फरसा लहराते हुए नवीन जयहिंद व अन्य
रोहतक के गांव पहरावर में रविवार को भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान कानूनों की अनदेखी करते हुए खुलेआम फरसे व तलवारें लहराई गई, जबकि लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगी हुई है और शस्त्र लेकर चलने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
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जयहिंद सेना के प्रमुख नवीन जयहिंद ने कई दिन पहले ही गांव पहरावर में भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाने का ऐलान किया हुआ था। जिसे लेकर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से ही नहीं, दूसरे प्रदेशों से लोग भी पहुंचे। इस दौरान नवीन जयहिंद खुद भी फरसा हवा में लहराते दिखे। साथ ही कहा कि अन्याय के खिलाफ फरसा उठाना धर्म का काम है।
कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए नवीन जयहिंद
स्वाभिमान और सम्मान के लिए फरसा उठाना धर्म
भगवान परशुराम जन्मोत्सव के मौके पर नवीन जयहिंद ने कहा कि मौसम गर्म है और यहां पहुंचे लोग उससे भी ज्यादा गर्म है। ठंडे लोग नहीं चाहिए, अगर ठंडे पड़ जाते तो ये जमीन कभी समाज को नहीं मिल पाती। आज इस जमीन पर खड़े होकर भगवान भोलेनाथ और परशुराम की जय नहीं बोल रहे होते। परशुराम का असली चेला वही है, जिसने मान-सम्मान और स्वाभिमान के लिए फरसा तक उठा लिया।
कार्यक्रम के दौरान फरसे लहराते लोग।
उन्होंने कहा कि, महिला के सम्मान के लिए, गरीबों की हक की लड़ाई के लिए और समाज की आवाज उठाने के लिए फरसा उठाना एक योद्धा का धर्म होता है। अगर हक की आवाज नहीं उठा सकते तो किसी भी भगवान के भक्त नहीं हो सकते।
36 बिरादरी के भाईचारे ने लड़ी पहरावर की जमीन की लड़ाई
नवीन जयहिंद ने फरसा लहराते हुए कहा कि इसी फरसे के दम पर 36 बिरादरी के भाईचारे ने पहरावर की जमीन की लड़ाई लड़ी। बुजुर्गों की पेंशन बनवाई, पीपीपी में हुई गड़बड़ी ठीक करवाई, बेरोजगारों की बारात निकली, पानी की समस्या को उठाया। फरसा केवल ब्राह्मणों का नहीं है जो जनता की आवाज उठा सकते, शासन -प्रशासन से लड़ सके उन सभी का है।
परशुराम जन्मोत्सव के दौरान फरसा लहराते हुए नवीन जयहिंद
देश की सबसे ऊंची 121 फीट की मूर्ति बनाएंगे
जयहिंद ने इस दौरान लोगों के सामने पहरावर में देश की सबसे ऊंची 121 फीट की मूर्ति बनाने का प्रस्ताव रखा। तो पंडाल में मौजूद सभी लोगों ने जोश में हामी भारी और तन-मन-धन से साथ देने की बात कही। वहीं कार्यक्रम के दौरान नवीन जयहिंद की तबीयत भी खराब हो गई। जिसके कारण उन्हें कार्यक्रम के बाद सीधे अस्पताल लेकर जाना पड़ा। हालांकि पिछले कई दिनों से उनकी तबीयत बिगड़ी हुई थी।
क्या कहते हैं अधिकारी
सांपला डीएसपी राकेश मलिक ने बताया कि यह एक धार्मिक कार्यक्रम था। आयोजकों ने रोड पर कोई प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने कहा कि यदि शिकायत मिलती है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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