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नई दिल्ली: स्मिता पाटिल हिंदी सिनेमा की बेहतरीन एक्ट्रेस थीं. वे ‘मंथन’, ‘भूमिका’ जैसी फिल्मों में अपने बेहतरीन काम की वजह से सुर्खियों में आई थीं. उन्होंने आगे चलकर ‘अर्थ’ और ‘अर्ध सत्य’ जैसी उम्दा फिल्में की थीं. एक्टर प्रतीक बब्बर ने अपनी दिवंगत मां स्मिता पाटिल को याद करते हुए कहा कि वह एक शानदार एक्ट्रेस थीं. उनके पास दूसरों की आंखों से दुनिया को देखने का एक अद्भुत तरीका था.
स्मिता पाटिल बेटे प्रतीक बब्बर को जन्म देने के बाद चल बसी थीं. वे तब 31 साल की थीं. प्रतीक ने आईएएनएस को बताया, ‘मेरी मां में अपने किरदार से भावनात्मक रूप से जुड़ने की क्षमता थी. वह अपनी हर भूमिका में प्रामाणिकता लेकर आईं. उनका परफॉर्मेंस केवल एक्टिंग तक सीमित नहीं था, बल्कि उनके द्वारा निभाए गए किरदार के जीवन को जीने के बारे में था. अपनी कला के प्रति उनकी ईमानदारी और समर्पण आज भी दर्शकों के बीच गूंजती है.’
मां को उनकी कला से महसूस करते हैं प्रतीक बब्बर
प्रतीक ने बताया कि कैसे उनकी मां एक बेहतरीन कलाकार बन पाईं. वे कहते हैं, ‘दुर्भाग्य से मुझे कभी उनसे मिलने और उनका जादू देखने का मौका नहीं मिला. उन्होंने अपने जीवन में जो आर्ट तैयार किया, उनके माध्यम से ही मैं उन्हें महसूस कर पा रहा हूं. उनके पास दूसरों की आंखों से दुनिया को देखने का एक अद्भुत तरीका था, जो उनके परफॉरमेंस और उनके जीवन में साफ झलकता था.’
प्रतीक बब्बर को डेब्यू फिल्म से मिली पहचान
37 साल के एक्टर ने 17 मई को 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में अपनी मां की फिल्म ‘मंथन’ का प्रतिनिधित्व किया. बता दें कि प्रतीक बब्बर ने फिल्म ‘जाने तू…या जाने ना’ से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था. वे जेनेलिया डिसूजा के भाई के किरदार में दर्शकों को बहुत पसंद आए थे. वे शुरुआती सफलता के बाद, कुछ ऐसी फिल्मों में नजर आए, जिसने उनके करियर को कोई खास फायदा नहीं पहुंचा. वे किरण राव की ‘धोबी घाट’ के अलावा ‘दम मारो दम’ और ‘आरक्षण’ में दिखे थे.
Tags: Prateik Babbar
FIRST PUBLISHED : May 19, 2024, 20:44 IST
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