[ad_1]
किसानों की जमीन नीलामी की सूचना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर पोस्ट करते हुए वर्तमान भाजपा सरकार को घेरा हैं।
हनुमानगढ़ सहकारी भूमि विकास बैंक लि. की ओर से लोन नहीं चुका पाने के कारण 20 किसानों की जमीनें नीलाम करने की सूचना निकाली है। किसानों की जमीन नीलामी की सूचना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर पोस्ट करते हुए वर्तमान भाजपा सरकार को घेरा हैं
.
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि अखबारों में किसानों की जमीन नीलाम करने के लिए छपे ये विज्ञापन ‘मोदी की गारंटी’ की सच्चाई उजागर कर रहे हैं। भाजपा ने राजस्थान में अपने घोषणा पत्र के पेज संख्या 42 पर वादा किया था कि किसानों की जमीन नीलामी रोकना सुनिश्चित करने की बात कही थी, लेकिन राजस्थान में किसानों की जमीन नीलाम की जा रही है। इस किसान विरोधी भाजपा सरकार ने झूठे वादे कर सरकार बना ली, पर इन्हें किसानों की कोई परवाह नहीं है। हमारी सरकार ने कृषि ऋण राहत आयोग बनाया था। नई सरकार ने उसे भी क्रियाशील नहीं किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल से मांग की कि अविलम्ब एक आदेश जारी कर किसानों की भूमि की नीलामी रोकी जाए, ताकि प्रभावित किसानों को राहत मिले और आगे भी नीलामी न हो, इसके भी इंतजाम हो।
2020 में पास हुआ था विधेयक
एक्स पर पोस्ट करते हुए पूर्व सीएम गहलोत ने कहा कि नवम्बर 2020 में उनकी सरकार ने विधानसभा से बिल पास कर प्रावधान किया था कि किसानों की 5 एकड़ कृषि भूमि नीलाम नहीं होगी, लेकिन राज्यपाल ने यह बिल केन्द्र सरकार से अनुमोदन के लिए भेज दिया था, लेकिन अभी तक इसे केन्द्र सरकार से अनुमोदन नहीं मिला है। इसी वजह से 20 जनवरी 2022 को कांग्रेस सरकार ने प्रशासनिक आदेश के माध्यम से उस समय कुछ बैंकों द्वारा शुरू की गई कृषि भूमि नीलामी पर रोक लगाई थी। पूर्व सीएम ने मांग की कि मुख्यमंत्री भजनलाल नवम्बर 2020 में विधानसभा में पारित हुए विधेयक को अविलम्ब केन्द्र सरकार से अनुमोदन करवाकर किसानों को राहत प्रदान करवाएं।
20 किसानों की करोड़ों की जमीन होगी नीलाम
हनुमानगढ़ में 18 मई को एक अखबार में 20 किसानों की भूमि नीलाम करने सम्बन्धी नीलामी सूचना प्रकाशित हुई थी। इस नीलामी सूचना में 20 किसानों के नाम और बकाया ऋण सहित नीलामी की दिनांक भी अंकित की गई है। अगर किसानों के बकाया की बात करें तो नीलामी सूचना में 3 करोड़ 47 लाख 75 हजार 830 रुपए किसानों के बकाया बताए गए हैं। जिनको बैंक को वसूल करना है।
[ad_2]
Source link