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राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) पर कथित हमले के आरोप में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की गिरफ्तारी को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच दिल्ली पुलिस सूत्रों की ओर से एक बड़ी जानकारी सामने आई है। सूत्रों ने रविवार को बताया कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) मामले में सबूत नष्ट करने की धारा जोड़ने पर विचार कर रही है। दिल्ली पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि आरोपी बिभव कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।
जांच में सहयोग नहीं कर रहा बिभव
दरअसल, दिल्ली पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती बिभव कुमार के खिलाफ सबूतों को जमा करने की है। यही वजह है कि दिल्ली पुलिस चूक की कोई संभावना नहीं छोड़ना चाहती है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि अरविंद केजरीवाल के पूर्व निजी सहायक बिभव कुमार से मारपीट मामले में सबूतों को लेकर पूछताछ की जा रही है। सूत्रों की मानें तो बिभव कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
फोन डेटा किया डिलीट
सूत्रों ने यह भी बताया कि बिभव को मुंबई ले जाया जा सकता है क्योंकि उन्हें संदेह है कि उन्होंने शहर में सभी प्रासंगिक फोन डेटा को डिलीट किया। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से फोन डेटा को पुनः प्राप्त करने की कोशिश करेगी।
पुलिस के पास चार दिन का वक्त
पुलिस यह भी जानने में जुटी है कि आखिर मारपीट की वजह क्या थी। इसके लिए बिभव को सीएम आवास पर भी ले जाया जा सकता है। बता दें कि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल ने शनिवार को मामले में पूछताछ के लिए बिभव को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। उसे 23 मई को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा।
यह धारा भी जोड़ सकती है पुलिस
सूत्रों की मानें तो दिल्ली पुलिस इस केस में सबूत नष्ट करने के आरोपों की धारा भी जोड़ सकती है। बिभव पर आईपीसी की धारा 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 354बी (महिला के कपड़े उतारने के इरादे से उस पर हमला), 341 (गलत तरीके से रोकना), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मालीवाल ने अपनी FIR में आरोप लगाया है कि बिभव ने उसे कम से कम सात से आठ बार थप्पड़ मारे, क्रूरता से घसीटा और छाती, पेट पर लात मारी।
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