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Jharkhand weather: झारखंड के तीन जिलों को छोड़कर सभी जिलों में अधिकतम तापमान में गिरावट आई। सिर्फ डालटनगंज में मंगलवार को 41, गोड्डा में 41.1 और पलामू में 40.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। जबकि अन्य जिलों में अधिकतम तापमान 35 से लेकर 39 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा।
अगले पांच दिनों तक कैसा रहेगा मौसम?
पिछले 24 घंटों के अंतराल में राज्य के इसी इलाके में मेघगर्जन और आंधी के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हुई। सबसे अधिक बारिश 36.8 मिलीमीटर धालभूमगढ़ पूर्वी सिंहभूम में दर्ज की गई, जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 21.4 डिग्री सेल्सियस रांची में दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में राज्य के लिए कोई चेतावनी जारी नहीं की गई। 19 मई तक आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और मौसम शुष्क रहेगा। इसके बाद 20 मई को राज्य के किसी-किसी इलाकों में मेघगर्जन के साथ हल्के दर्जे की बारिश की संभावना हैं।
अधिकतम तापमान में 17 से आएगी उछाल
पूर्वानुमान है कि रांची में 17 मई के बाद से दोबारा अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में रांची में अधिकतम 36 और न्यूनतम 21.4 डिग्री सेल्सियस हैं। यह तापमान आने वाले दिनों में अधिकतम 40 और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। 15 से 16 मई तक दोपहर या शाम में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और मौसम शुष्क रहेगा।
यह भी जानिए: आंधी-तूफान से कई घरों के छप्पर उड़े
गुमला के सिसई प्रखंड में पिछले चार दिनों से तेज आंधी तूफान के साथ हो रही बे-मौसम बारिश से लोगों को गर्मी से राहत तो जरूर मिली है, वहीं तेज आंधी तूफान के कारण लोगों के घरों में लगे एलवेसटर सीट और टीन उड़ गए हैं। जिससे घर में मौजूद परिवार के सदस्य को भी हल्की फुल्की चोट आई है।
आंधी तूफान इतना तेज था कि कई जगहों का पेड़ बिजली पॉल, घर का चारदीवारी व घर में लगें एल्वेसटर टूट कर गिर गया है। जिसे लोगों को काफी नुकसान हुआ है। सिसई प्रखंड में आंधी-तूफान के साथ तेज बारिश होने की वजह से लकेया पंचायत के कुम्हार मोड़ डुमरटोली रोड स्थित सुनिल उरांव, फुलचंद तुरी, राणा उरांव, मदन गोप व मनोहर उरांव के घर में लगें एल्वेसटर का सीट पूरी तरह उड़ गया है। घर का छपर उड़ जाने की वजह से कई लोग घर से बेघर हो गया है। लोग रात रात भर पड़ोसी के घरों में रहने को विवश हैं। इसके अलावे सिसई प्रखंड के नगर, ओलमुंडा व पंडरिया क्षेत्र में कई जगहों का पेड़ पौधे व बिजली पोल टूट गये है। इस बे-मौसम बारिश से कुम्हार के कच्चे ईंट और किसानों की आम,तेंदू,चार, बागवानी की फसलों की बहुत बड़ी नुकसान हुई है।
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