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कोलकाता5 मिनट पहले
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22 फरवरी को भाजपा ने 20 मिनट 41 सेकेंड का वीडियो सोशल मीडिया में शेयर किया था। इसमें संदेशखाली की महिलाओं ने यौन उत्पीड़न और हिंसा मामले में अपनी आपबीती बताई। हालांकि, अब कई पीड़ितों का कहना है कि दुष्कर्म नहीं हुआ, भाजपा नेताओं ने कोरे कागज पर साइन कराए थे।
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में जमीन हड़पने और महिलाओं के खिलाफ अपराध (यौन शोषण) केस में वायरल हुए स्टिंग ऑपरेशन वीडियो को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एक महिला ने याचिका लगाकर मौजूदा हालत को लेकर SIT जांच की मांग की है।
एक महिला के वकील उदयादित्य बनर्जी ने कोर्ट से कहा कि संदेशखाली मामले में लेकर कई स्टिंग ऑपरेशन वायरल हैं। इसमें एक व्यक्ति खुलासा कर रहा है कि TMC नेता शाहजहां शेख के खिलाफ बलात्कार के आरोप झूठे थे। उनके खिलाफ झूठे आरोप भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के निर्देश पर किया गया।
वहीं, संदेशखाली की कई पीड़ित महिलाओं का कहना है कि उनसे कोरे कागजात पर हस्ताक्षर कराए गए। इसके बाद शाहजहां शेख के खिलाफ झूठी बलात्कार की शिकायतें हुई।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग करते हुए कहा कि स्टिंग ऑपरेशन के वायरल वीडियो की सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच होनी चाहिए। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT गठित की जाए।
दावा- प्रोटेस्ट के लिए 70 महिलाओं को 2-2 हजार रुपए मिले
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले में नया वीडियो 12 मई को सामने आया। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, इस वीडियो में भाजपा मंडल (बूथ) अध्यक्ष गंगाधर कायल TMC नेता शाहजहां शेख के खिलाफ प्रोटेस्ट करने वाली 70 महिलाओं को 2-2 हजार रुपए देने की बात कहते नजर आ रहे हैं।
45 मिनट के इस वीडियो में भाजपा नेता ने कहा- हमें 50 बूथों के लिए 2.5 लाख रुपए कैश की आवश्यकता होगी। इन बूथों पर 30 प्रतिशत प्रदर्शनकारी महिलाएं हैं। हमें यहां SC, ST और OBC समुदाय के लोगों को अच्छे पैसे देकर खुश रखना होगा। महिलाएं आगे की लाइन में रहकर पुलिस से मुकाबला करेंगी।
वीडियो वायरल होने के बाद न्यूज एजेंसी PTI ने कायल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। हालांकि, दैनिक भास्कर इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता।
वीडियो को लेकर TMC प्रवक्ता रिजु दत्ता ने कहा- भाजपा के फर्जी नैरेटिव की सच्चाई सबके सामने आ रही है। वहीं, भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने वीडियो को बेबुनियाद और फेक बताया। उन्होंने कहा- चुनाव से पहले TMC फर्जी वीडियो जारी कर नैरेटिव बदलना चाहती है।
इसके अलावा 10 मई को भी संदेशखाली केस से जुड़ी एक महिला का इंटरव्यू वायरल हुआ था। इसमें उसने बताया था कि उससे ब्लैंक पेपर पर साइन कराया गया था, जिसका इस्तेमाल रेप की फर्जी शिकायत दर्ज कराने में किया गया था।
इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि प्रोटेस्ट के लिए 70 महिलाओं को 2-2 हजार रुपए मिले। दैनिक भास्कर इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
TMC की चुनाव आयोग से शिकायत, कहा- फर्जी केस दर्ज कराया गया, NCW चीफ भी इसमें शामिल
TMC ने 12 मई को चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई।
संदेशखाली में महिलाओं से रेप की शिकायतों को झूठा बताते हुए TMC ने राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत चुनाव आयोग में दर्ज कराई है।
TMC ने कहा- 10 मई को संदेशखाली की एक महिला ने एक इंटरव्यू में बताया कि उससे NCW की चेयरपर्सन रेखा शर्मा और भाजपा नेता पियाली दास ने एक ब्लैंक पेपर पर साइन करवाया।
इसके बाद इस साइन का उपयोग उन्होंने झूठा रेप केस फाइल करने के लिए किया। जब महिला ने केस वापस लेना चाहा तो पियाली दास और लोकल भाजपा नेताओं ने उसे धमकाया।
TMC ने आरोप लगाया है कि भाजपा और NCW ने लोकसभा चुनाव के पहले यह साजिश कर वोटर्स के साथ भी धोखाधड़ी की है। रेखा शर्मा और पियाली दास समेत साजिश में शामिल सभी भाजपा नेताओं के खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए।
4 मई को जारी हुआ था सबसे पहला वीडियो
4 मई को वायरल हुए वीडियो में भाजपा नेता ने कहा था- सुवेंदु ने भाजपा नेताओं से स्थानीय महिलाओं को उकसाने के लिए कहा था।
संदेशखाली मामले को लेकर अब तक कुल 4 वीडियो वायरल हो चुके हैं। सबसे पहले 4 मई को सोशल मीडिया पर संदेशखाली मामले का स्टिंग वीडियो जारी हुआ था। इसमें गंगाधर कायल दावा करते नजर आए थे कि भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने शाहजहां शेख सहित उनके 3 नेताओं पर यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप लगवाए।
वीडियो में भाजपा नेता ने कहा था- सुवेंदु ने भाजपा नेताओं से स्थानीय महिलाओं को उकसाने के लिए कहा था। सुवेंदु ने कहा था कि TMC के मजबूत नेताओं को तब तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, जब तक कि उन्हें बलात्कार के झूठे आरोप में नहीं फंसाया जाएगा।
जिन महिलाओं के साथ बलात्कार नहीं हुआ, उन्हें पीड़ित के रूप में पेश किया गया। सुवेंदु ने संदेशखाली में एक घर में खुद बंदूकें रखी थीं, जिसे बाद में CBI ने जब्ती के रूप में दिखाया।
इसके अलावा दूसरा वीडियो रेप का केस दर्ज कराने वाली महिला का था। वीडियो में उसने दावा किया था कि भाजपा नेताओं ने उससे पहले ब्लैंक पेपर पर साइन करवाया था। इसके बाद उन्होंने थाने जाकर केस दर्ज कराने के लिए कहा था।
तीसरा वीडियो बशीरहाट से भाजपा उम्मीदवार और शाहजहां के खिलाफ प्रोटेस्ट करने वाली रेखा पात्रा का था। वीडियो में उसने दावा किया था कि वह उन रेप पीड़िताओं को नहीं जानतीं जो दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने गई थीं।
BJP नेता कायल बोले- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मेरा वीडियो बनाया गया
4 मई को जारी पहले वीडियो के बाद भाजपा नेता गंगाधर कायल ने सफाई दी थी। उन्होंने मामले की जांच कर रही CBI के डायरेक्टर को लेटर लिखकर कहा था कि कथित स्टिंग वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाया गया है।
गंगाधर ने कहा- मुझे विलियम्स नाम के एक यूट्यूब चैनल से अपलोड किया गया एक वीडियो मिला है। इसमें AI की मदद से मेरे चेहरे और आवाज का इस्तेमाल किय गया है। ताकि संदेशखाली घटना के खिलाफ जनता को गुमराह किया जा सके।
ममता बोलीं- भाजपा ने संदेशखाली की कहानी लिखी थी
CM ममता बनर्जी ने स्टिंग वीडियो को लेकर कहा था कि मैं काफी पहले से कह रही हूं कि संदेशखाली की पूरी घटना प्री-प्लान्ड थी। अब सच सामने आ गया है। ममता ने नादिया जिले के चकदह में एक चुनावी रैली में कहा कि भाजपा ने संदेशखाली की पूरी कहानी लिखी थी। उन्होंने सत्ता की चाह में हमारी मां-बहनों की इज्जत बेच दी।
भाजपा बोली- मामले को दबाने के लिए ऐसा किया जा रहा
TMC के दावे पर पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा- ममता बनर्जी ने संदेशखाली में जो पाप किया है, उसे दबाने के लिए वे यह सब कर रही हैं। आप वीडियो पर विश्वास करेंगे या आपबीती सुना रहीं महिलाओं पर? ममता बनर्जी को वहां के लोगों से बात करनी चाहिए थी।
क्या है संदेशखाली मामला?
संदेशखाली में TMC नेता शेख शाहजहां और उसके दो साथियों शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर महिलाओं से गैंगरेप और लोगों की जमीन हड़पने का आरोप है। शाहजहां शेख TMC का डिस्ट्रिक्ट लेवल का नेता है। राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को उसके घर पर रेड की थी।
तब शाहजहां के 200 से ज्यादा सपोर्टर्स ने टीम पर अटैक कर दिया। अफसरों को जान बचाकर भागना पड़ा था। इस मामले में 55 दिन फरार रहने के बाद बंगाल पुलिस ने उसे 29 फरवरी को गिरफ्तार किया था। शाहजहां शेख के अलावा शिबू हाजरा और उत्तम सरदार 13 मई तक कस्टडी में हैं।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को संदेशखाली मामले की जांच CBI को सौंपी थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि CBI कोर्ट की निगरानी में जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी। CBI से जांच कराने के निर्देश के खिलाफ बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।
CBI ने संदेशखाली मामले में 25 अप्रैल को 5 आरोपियों के खिलाफ पहली FIR दर्ज की थी। 26 अप्रैल को एजेंसी ने संदेशखाली में कई जगहों पर सर्चिंग की थी। इस दौरान विदेशी पिस्टल समेत कई हथियार, बम और गोला-बारूद बरामद किया था।
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संदेशखाली मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, ‘अगर इस मामले में एक परसेंट भी सच्चाई है तो यह शर्मनाक है। पूरा प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी इसके लिए नैतिक तौर पर 100% जिम्मेदार है। यह लोगों की सुरक्षा का मामला है।’ पूरी खबर पढ़ें…
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कलकत्ता हाईकोर्ट में गुरुवार (2 मई) को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि CBI ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उसे पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों का जांच में सहयोग नहीं मिल रहा है। पूरी खबर पढ़ें…
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