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India-Maldives Relation: भारत सरकार ने मालदीव को बड़ी राहत देते हुए 15 करोड़ डॉलर का कर्ज लौटाने की समय सीमा बढ़ा दी. वहीं, भारत का दौरा कर मालदीव लौटे विदेश मंत्री मूसा जमीर ने बताया कि मालदीव में भारत के समर्थन से चल रहीं परियोजनाओं में भी महत्वपूर्ण तेजी आई है, क्योंकि उन्होंने इन परियोजनाओं को फिर से शुरू करने और पूरा करने को प्राथमिकता देने के लिए सरकार ने प्रतिबद्धता दिखाई है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर 8-10 मई को भारत दौरा कर मालदीव पहुंचे. उधर, विदेश मंत्री मूसा जमीर ने कहा कि वह और उनके भारतीय समकक्ष एस जयशंकर 9 मई को भारत की वित्तीय सहायता से शुरू की गई परियोजनाओं में तेजी लाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण मामलों में बातचीत करने के लिए द्विपक्षीय चर्चा में शामिल हुए.
भारत ने कर्ज चुकाने की समय सीमा बढ़ाई
इस दौरान मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार ने मालदीव को 20 करोड़ डॉलर के कर्ज में से 15 करोड़ के कर्ज के पुनर्भुगतान की समय सीमा बढ़ाने की हरी झंडी दे दी है. दरअसल, यह कर्ज भारत ने मालदीव की पिछली सरकार को दिया था.
जमीर ने कहा कि मालदीव जनवरी में 5 करोड़ डॉलर का भारत को पुनर्भुगतान कर चुका है और बाकी के 15 करोड़ डॉलर का भी जल्द भुगतान किया जाना था, मगर अब मालदीव की मांग पर भारत ने पुनर्भुगतान की समय सीमा बढ़ा दी है. इसके बदले भारत ने कोई अतिरिक्त मांग नहीं की है.
पिछली सरकार में शुरु हुईं थी मालदीव में परियोजनाएं
इस दौरान विदेश मंत्री मूसा जमीर ने कहा कि मालदीव में भारत के समर्थन और फंडिंग से चल रहीं परियोजनाओं के काम में तेजी से प्रगति हुई है. ऐसे में आने वाले दिनों में इन पर और तेजी से काम होगा. मूसा जमीर ने भारत दौरे पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के सामने यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने बताया कि मालदीव की पिछली सरकार में भारत के सहयोग से कई परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ था.
भारत के डॉक्टरों को हटाने का नहीं है कोई इरादा- मूसा जमीर
मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर का भारत दौरा ऐसे समय हुआ, जब दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट चल रही है. दरअसल, मालदीव में चीन समर्थक मोहम्मद मुइज्जू की सरकार के आने के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में थोड़ी कड़वाहट आई है. मुइज्जू ने मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों को भी वापस भेज दिया.
जमीर ने बताया कि मालदीव में तैनात 76 भारतीय सैन्य कर्मियों की जगह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के कर्मचारियों को मालदीव में तैनात किया गया है. जिन्होंने भारत की ओर से गिफ्ट में दिए गए दो हेलीकॉप्टरों का निर्माण किया था, इस प्रकार माले के आग्रह पर वापस लाए गए लोगों की सटीक संख्या पर सस्पेंस भी समाप्त हो गया. हालांकि, इस मामले पर विदेश मंत्री ने कहा कि मालदीव सरकार का सेनाहिया में भारत के डॉक्टरों को हटाने का कोई इरादा नहीं है.
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