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Pakistan-occupied Kashmir: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में बिजली और आटे के बढ़ते दामों को लेकर कई इलाक़ों में प्रदर्शन जारी है. इस हड़ताल के दौरान व्यवसाय बंद रहे और सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ, जिसके कारण सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ है.
डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएएसी) के आह्वान पर शुक्रवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में शट-डाउन और जाम हड़ताल के दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे घरों में लोग प्रभावित हुए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव के बाद मस्जिदों पर भी पथराव किया गया. इस दौरान पीओके के समहनी, सेहंसा, मीरपुर, रावलकोट, खुइरत्ता, तत्तापानी, हट्टियन बाला में भी प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन किए है.
#WATCH | Protests against inflation turn violent as police crackdown on demonstrators in Muzaffarabad, PoK.
The Awami Action Committee called for the protest, demanding tax-free electricity from the Mangla Dam and subsidies on wheat flour. The strike was catalyzed by overnight… pic.twitter.com/sigjaDcRtS
— ANI (@ANI) May 11, 2024
मुज़फ़्फराबाद की तरफ़ लॉन्ग मार्च का था आह्वान- जेकेजेएएसी
दरअसल, जेजम्मू-कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी ने मुजफ्फराबाद और मीरपुर डिवीजनों के कई इलाकों में रात भर की छापेमारी में अपने कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया था. उन्होंने कहा कि समिति ने पिछले महीने घोषणा की थी कि राज्य भर के लोग प्रदर्शन करेंगे. जबकि, 11 मई को मुजफ्फराबाद की ओर एक लंबा मार्च निकाला जाएगा.
इस्लामाबाद से 6 सशस्त्र बल प्लाटून की हुई थी मांग
बतातें चलें कि, सार्वजनिक कार्रवाई समिति बिजली बिलों पर लगाए गए “अन्यायपूर्ण” करों का विरोध करने वाला एक प्रमुख अधिकार आंदोलन है. पिछले साल अगस्त में भी इसी तरह की हड़ताल की गई थी. इस बीच, पता चला है कि पीओके के मुख्य सचिव ने इस्लामाबाद में आंतरिक प्रभाग के सचिव को पत्र लिखकर 11 मई की हड़ताल के कारण सुरक्षा के लिए 6 सशस्त्र बल (सीएएफ) प्लाटून की मांग की थी.
POK के सभी जिलों में हजारों लोग उतरे सड़कों पर
सूत्रों के मुताबिक, इस हड़ताल की आशंका के चलते पाक प्रशासित कश्मीर सरकार ने पूरे पीओके में धारा 144 लागू कर दी थी. इसके साथ ही 10 और 11 मई को सभी स्कूलों में छुट्टियों की घोषणा कर दी थी. हालांकि, बिजली और आटे के बढ़ते दामों को लेकर पीओके के सभी जिलों में लोग हजारों की संख्या में सड़क पर उतर आए.
बिजली और आटे के बढ़ते दामों को लेकर हो रहा विरोध
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जेकेजेएसी आंदोलन ने मांग की है कि प्रदेश में बिजली की उत्पादन लागत के बाद उपभोक्ताओं को बिजली मिलनी चाहिए. हालांकि, पिछले साल दिसंबर में आधिकारिक तौर पर सुलह समिति से मामला सुलझ गया था, जिसके बाद 4 फरवरी को सरकार द्वारा एक अधिसूचना भी जारी की गई थी.
इसके विरोध में जेकेजेएएसी ने राजधानी मुज़फ़्फराबाद की तरफ 11 मई को लॉन्ग मार्च का आह्वान किया गया था. इस दौरान जफ्फराबाद डिवीजन के तीन जिलों में बैंक सहित सभी कारोबार बंद रहे और यातायात और सड़कों से लोग नदारद रहे.
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