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Suparco: भारत के चंद्रयान-3 को पिछले साल मिली ऐतिहासिक सफलता के बाद पाकिस्तान ने भी चीन की मदद से अपना भी मून मिशन लॉन्च कर दिया है. इस बीच पाक के आईक्यूब-क़मर ने चांद की कक्षा से पहली तस्वीर भेजी है. पाकिस्तान ने अपने सहयोगी देश चीन के साथ मिलकर अपना मून मिशन लॉन्च किया है.
चंद्र मॉड्यूल को चीन के शंघाई विश्वविद्यालय (एसजेटीयू) और पाकिस्तान की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी सुपारको के सहयोग से इस्लामाबाद के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएसटी) ने डिजाइन किया था. ये उपग्रह 3 मई को हैनान प्रांत से लॉन्च किया गया था और 8 मई को दोपहर 1:14 बजे सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया. चंद्रमा पृथ्वी से औसतन 384,400 किमी की दूरी पर है.
बीजिंग में पाकिस्तान के राजदूत को सौंपा पोस्टर
इस दौरान आईएसटी के प्रवक्ता और इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ खुर्रम खुर्शीद ने पाकिस्तान मीडिया ऑउटलेट डॉन डॉट कॉम को बताया कि सफल मिशन उपलब्धि को चिह्नित करने के लिए चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी (सीएनएसए) में आयोजित एक समारोह में ऐतिहासिक छवियों का अनावरण किया गया था. उन्होंने बताया कि इन्हें आधिकारिक तौर पर बीजिंग में पाकिस्तान के राजदूत को सौंप दिया गया.
A historic day, one week later.
Honored to represent Pakistan today at a ceremony organized by China National Space Administration to hand over the first images by Pakistan’s first lunar endeavour, #ICUBE-Q. @MIshaqDar50 @ForeignOfficePk @NSAPAKISTAN @PkPublicDiplo @MFA_China https://t.co/SGFTQ6WGde pic.twitter.com/B6XbMg7auh
— Khalil Hashmi (@KhalilHashmi) May 10, 2024
चंद्रमा की छवियों को कैप्चर कर पृथ्वी पर भेजेगा वापस- डॉ. खुर्शीद
शून्य से 100 डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान में काम करने वाले इस उपग्रह में 7 किलोग्राम का एक कैमरा लगा है, जोकि बिजली की कमी वाले मिशनों के लिए तैयार किया गया है. इस बीच डॉ. खुर्शीद ने कहा था कि उपग्रह गहरे अंतरिक्ष अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि इसकी सतह-स्तरीय क्षमताएं, मामूली 1-केबीपीएस पर तस्वीरों को प्रसारित करते हुए, चंद्रमा की सतह पर क्रेटर स्थानों, पानी और बर्फ के निशान पर महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेंगी.
इस दौरान जैसे ही चीनी लैंडर चट्टान और मिट्टी के नमूने एकत्र करेगा, आईक्यूब-क़मर चंद्रमा की परिक्रमा करते हुए 3 से 6 महीने बिताएगा, चंद्रमा की छवियों को कैप्चर करेगा और पृथ्वी पर वापस भेजेगा.
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