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अदालत(सांकेतिक)
– फोटो : अमर उजाला
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि विश्वविद्यालयों में अनुशासनहीनता की कार्रवाई का सामना कर रहे छात्रों के सुधार और पुनर्वास के लिए नारायण मिश्रा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य में दिए गए अदालत के निर्देशों का पालन कराए। कोर्ट ने इन आदेशों के अनुपालन में यूजीसी की ओर 12 अप्रैल 2023 को जारी गाइडलाइन सभी विश्वविद्यालय में लागू करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इन नियमों को विश्वविद्यालय परिनियमावली में छह माह के भीतर शामिल करें।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के बीए के छात्र रौनक मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अजय भनोट ने सभी विश्वविद्यालयों को छात्रों के सुधार व पुनर्वास के लिए जारी अदालत के निर्देश और यूजीसी की गाइडलाइन लागू करने का आदेश दिया। रौनक मिश्रा सहित छह छात्रों को बीएचयू के रजिस्ट्रार ने आठ अक्तूबर 2022 को निलंबित कर दिया था। उन्हें परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया गया था। इनपर छात्र महेंद्र पटेल से मारपीट का आरोप था। याची का निलंबन वापस लेने की अर्जी विवि ने खारिज कर दी। इसके विरोध में छात्र ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
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