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India-Maldives Relations: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर 10 मई की अंतिक तारीख निर्धारित की थी, जिसके बाद मालदीव से सभी भारतीय सैनिकों की वापसी हो गई है. इसको लेकर मालदीव सरकार ने जानकारी साझा की है. मालदीव की सरकार ने बताया कि सभी भारतयी सैनिकों की वापसी हो गई है, ऐसे में अब सवाल उठता है कि आखिर भारत की तरफ से मालदीव को दिए गए हेलिकॉप्टर और डोनियर विमानों का संचालन कैसे होगा?
दरअसल, मोहम्मद मुइज्जू चुनाव प्रचार के समय से ही इंडिया आउठ कैंपेन चला रहे थे, ऐसे में मालदीव के राष्ट्रपति बनते ही भारत और मालदीव में तनाव पैदा होने शुरू हो गए थे. तनाव तब और बढ़ गया जब मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों की वापसी की बात पर जोर देना शुरू किए. फिलहाल नई दिल्ली में आखिरी बैठक में दोनों देशों ने तय किया कि मार्च से लेकर मई के बीच तीन बार में सभी सैनिकों को भारत वापस बुला लिया जाएगा.
मालदीव से 89 सैनिकों की हुई वापसी
भारतीय सैनिकों का पहला जत्था मार्च महीने में ही भारत वापास आ गया था, इसके बाद अप्रैल महीने में 51 सैनिक भारत वापस लौटे. अब तीसरा जत्था भी 10 मई को भारत आ गया है, लेकिन मालदीव ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कुल कितने सैनिकों की वापसी हुई है. फिलहाल इसके पहले मालदीव ने अपने एक बयान में बताया था कि मालदीव में कुल 89 सैनिक तैनात हैं, जिन्हें वापस भेजना था.
भारतीय टेक्निकल कर्मी मालदीव में रहेंगे तैनात
दरअसल, भारत ने मालदीव को दो हेलिकॉप्टर और डोर्नियर विमानों को उपहार में दिया था, इन विमानों के संचालन और रखरखाव के लिए भारतीय सैनिक मालदीव में तैनात रहते थे. दूसरा जत्था भारत लौटने के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया था, भारतीय सैनिकों की जगह भारत के तकनीकी कर्मियों ने ली है. इससे साफ हो जाता है कि अब भारत की तरफ से मालदीव में दिए गए विमानों का संचालन भारत के ही तकनीकी कर्मी करेंगे. हाल ही में मालदीव के विदेश में मंत्री मूसा जमीर ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी.
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