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बेटियों को दी गई जानकारी
– फोटो : अमर उजाला
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पीरियड्स में सिर नहीं धोना। ठंडा पानी नहीं पीना। अचार नहीं छूना। भगवान के मंदिर में तो भूलकर भी कदम मत रखना। ये वो मिथक हैं जिनका अनुसरण आमतौर पर भारतीय परिवारों में पीरियड्स के दौरान किया जाता है। पीरियड्स कोई हौवा नहीं बल्कि सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। पीरियड्स में हाईजीन का विशेष ध्यान रखें। हर 4-5 घंटे में पैड्स जरूर बदलें और न केवल अपनी नियमित दिनचर्या का पालन करें बल्कि सभी गतिविधियों में उसी तरह भाग लें जैसा कि सामान्य दिनों में करती हैं।
कुछ इसी अंदाज में पीरियड्स से संबंधित सभी जानकारी बेटियों और उनकी मम्मियों को दीं वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ ने। मौका था व्हिस्पर और अमर उजाला की ओर से आयोजित सपनों की उड़ान कार्यक्रम का। सेंट एंड्रूज पब्लिक स्कूल बल्केश्वर पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। छात्राओं से रूबरू होते हुए डॉ. अनुपमा शर्मा ने कहा कि पीरियड्स को भी अन्य शारीरिक क्रियाओं की तरह सामान्य ढंग से लें।
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