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कोटाकुछ ही क्षण पहले
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जिस कोचिंग के बाहर पिता की थड़ी, उसी में पढ़ी
कहते हैं कोटा की हवा में पढ़ाई है। यहां का माहौल है जो पढ़ने के लिए प्रेरित करता है और आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देता है। ऐसी की एक कहानी है एक पिता की जो कि कोटा में एक कोचिंग संस्थान के बाहर फलों की थड़ी लगाते है और उसी कोचिंग में बेटी ने पढ़कर पिता का सम्मान और बढ़ा दिया। कोटा की बदौलत छत्तीसगढ के एक परिवार की तकदीर संवरने जा रही है। अभावों में गुजारा करने वाले परिवार की बेटी का इंजीनियर बनने का सपना साकार होने जा रहा है।
पिता अपनी थड़ी यानी दुकान पर काम करते हुए और सामने बेटी का कोचिंग संस्थान
रिलॉयबल इंस्टीट्यूट की रेगुलर क्लास रूम स्टूडेंट करीना
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