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दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली महिला आयोग में कार्यरत करीब 223 कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया है। आरोप है कि DCW की तत्कालीन अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने बिना अनुमति इन सभी कर्मचारियों को भर्ती किया और नियमों की अनदेखी की गई। अब इसपर स्वाती मालीवाल की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। DCW की पूर्व अध्यक्ष ने कहा है कि उनके जिंदा रहते महिला आयोग बंद नहीं हो सकता है।
स्वाती मालीवाल ने कहा, ‘ LG साहब ने DCW के सारे कॉंट्रैक्ट स्टाफ को हटाने का एक तुग़लकी फ़रमान जारी किया है। आज महिला आयोग में कुल 90 स्टाफ है जिसमें सिर्फ़ 8 लोग सरकार द्वारा दिये गये हैं, बाक़ी सब 3 – 3 महीने के कॉंट्रैक्ट पर हैं। अगर सब कॉंट्रैक्ट स्टाफ हटा दिया जाएगा, तो महिला आयोग पे ताला लग जाएगा। ऐसा क्यों कर रहे हैं ये लोग? खून पसीने से बनी है ये संस्था। उसको स्टाफ और सरंक्षण देने की जगह आप जड़ से ख़त्म कर रहे हो? मेरे जीते जी मैं महिला आयोग बंद नहीं होने दूंगी। मुझे जेल में डाल दो, महिलाओं पे मत ज़ुल्म करो!’
इन कर्मचारियों को हटाने से संबंधित आदेश में उप राज्यपाल की तरफ से कहा गया है कि दिल्ली महिला आयोग ने DCW ऐक्ट 1994 का उल्लंघन किया है। इसके अलावा आयोग ने वित्त और योजना विभाग के निर्देशों का भी उल्लंघन किया है। इन्होंने 223 पदों पर कर्मचारियों को नियुक्त किया लेकिन इसके लिए किसी नियम का पालन नहीं किया गया। अतिरिक्त स्टाफ को लेकर कोई भी स्टडी नहीं की गई और प्रत्येक पद के लिए जरूरी योग्यता को लेकर भी कोई अध्ययन नहीं किया गया। यह भी कहा गया है कि दिल्ली महिला आय़ोग के पास संविदा के आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति करने का अधिकार नहीं था। इसके अलावा DCW अधिनियम के तहत केवल 40 पद ही स्वीकृत हैं लेकिन कई अतिरिक्त पदों पर नियुक्ति की गई है।
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