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अमरोहा में मतदान
– फोटो : संवाद
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चुनाव के दौरान सभी तरह के रिकॉर्ड बनते हैं और वह टूट भी जाते हैं। संभल लोकसभा के विजेता प्रत्याशी को मिले मत का रिकॉर्ड 47 वर्ष बाद भी बरकरार है। पहले चुनाव में यह रिकॉर्ड बना था। इस रिकॉर्ड के आसपास भी कोई प्रत्याशी नहीं पहुंचा है।
राजनीतिक उठापटक को देखते हुए अब लगता है कि इस रिकॉर्ड का टूटना काफी मुश्किल है। हालांकि राजनीति में असंभव कुछ नहीं है। 1977 में बीएलडी के टिकट पर शांतिदेवी ने चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी जुगल किशोर से था।
देश में कांग्रेस की हवा चल रही थी। इसलिए कांग्रेस के प्रत्याशी को सबसे मजबूत माना जाता था। जब चुनाव के परिणाम सामने आए तो राजनीति के गलियारों में अलग ही हलचल बन गई थी। क्योंकि शांतिदेवी ने 64.29 प्रतिशत मत पाए थे।
लोकसभा क्षेत्र में 578983 कुल मतदाता थे। इसमें 339538 वोट पड़े थे। जिसमें 5873 वोट निरस्त हो गए थे। वैध मत 58.64 प्रतिशत पड़े थे। कुल वैध मतों में शांतिदेवी को 214520 मत यानि 64.29 प्रतिशत मत मिले थे।
जबकि कांग्रेस प्रत्याशी जुगल किशोर को 81656 मत मिले थे जो 24.47 प्रतिशत थे। अन्य पांच प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। शांतिदेवी की जीत का रिकॉर्ड अभी तक कायम है।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि इस रिकॉर्ड को तोड़ना अब मुश्किल साबित होगा। क्योंकि जनता का समर्थन उस समय जितना मिला अब मिलना मुश्किल है। अब धर्म, जाति के आधार पर राजनीति के समीकरण तय होते हैं।
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