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राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक और जिला कांग्रेस ने संयुक्त रूप से बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नाम का ज्ञापन कलेक्टर को देकर जिला कांग्रेस कार्यालय में मजदूर दिवस मनाया। इंटक ने बंद शुगर मिल मालिक से श्रमिकों के बकाया 107 करोड़ रूपए वेतन दिलाने के साथ बेची गई चल-अचल संपत्तियों की जांच कराने उचित एवं त्वरित कार्रवाई कराने की मांग की। उन्होंने बाहुबलियों, दबंगों और राजनेताओं के द्वारा किए गए सीलिंग की जमीन से कब्जे हटावाए जाने और बी.एस.आई लिमिटेड एवं उसकी इकाइयों के समस्त कर्मचारियों एवं मजदूरों को 5 एकड़ जमीन बटन किए जाने की मांग भी प्रशासन से की। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक ने मजदूरों के साथ कलेक्टर को दिए ज्ञापन में कहा कि शुगर मिल प्रबंधन ने 14 बैंकों से 150 करोड़ कर्जा लेकर फरार है और मध्यप्रदेश शासन से भी ड्रिप सिंचाई के नाम सब्सिडी फर्जी केस बनाकर प्राप्त कर चुका है। 6 करोड़ का केन्द्रीय गन्ना विकास लोन लेकर फर्जी दस्तावेज कर हड़प गया है। जिसकी जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो ने शासकीय राशि एवं बैंक लोन की हेराफेरी करने का केस मिल मालिकों सहित संचालक कृषि मध्यप्रदेश और तत्कालीन बैंक मैनेजरों पर भोपाल न्यायालय में रजिस्टर्ड कर रखा है। उन्होंने कहा कि शुगर मिल 15 फरवरी 2 से अवैधानिक रूप से बन्द पड़ी है। इस मिल बन्दी को मध्यप्रदेश शासन, श्रम विभाग, श्रम न्यायालय, औद्योगिक न्यायालय एवं उच्च न्यायालय ने भी अवैध घोषित किया है। समस्त श्रमिकों को काम पर मानते हुए पूर्ण वेतन भुगतान के आदेश मिल प्रबंधन को दिए है लेकिन मिल मालिक कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहा है। मिल बन्द होने के 2000 श्रमिक तो बेरोजगार हुए हैं। कांग्रेस कार्यालय में पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ बलवीर तोमर के मुख्य आतिथ्य एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गुजराती के दिशा निर्देशन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक अध्यक्ष जमीर बहादुर, महामंत्री जयमल सिंह राजपाल, कार्यवाहक अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि विभिन्न न्यायालयों के निर्णयों के अनुसार श्रम न्यायालय औद्योगिक न्यायालय उच्च न्यायालय एवं श्रम विभाग के अनुसार यह सब कानूनी हक मजदूरों का है। श्रमिकों का मिल मालिक पर कुल 107 करोड़ रूपए का बकाया है।
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