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अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) के इस्तीफे के बाद से दिल्ली कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है। अब पार्टी के पूर्व विधायक नीरज बसोया और नसीब सिंह ने AAP के साथ गठबंधन के विरोध करते हुए कांग्रेस छोड़ दिया है। इन नेताओं ने कहा कि AAP से गठबंधन का फैसला गलत था। पार्टी कार्यकर्ताओं में इसको लेकर भारी नाराजगी है। पूर्व विधायक नसीब सिंह ने कई नेताओं को निशाने पर लिया और सोनिया गांधी के कार्यकाल को बेहतर बताया।
नसीब सिंह ने कहा- AAP के साथ गठबंधन का विरोध दिल्ली कांग्रेस के करीब 30 से 35 पूर्व विधायकों ने किया था लेकिन हाईकमान ने इस पर गौर नहीं किया। ऐसा लगता है कि गठबंधन केवल एक सीट पर है क्योंकि बाकी दो उम्मीदवार कांग्रेस की विचारधारा के नहीं हैं। नसीब सिंह का इशारा कन्हैया कुमार और उदित राज की ओर था जिनकी उम्मीदवारी के ऐलान से कांग्रेस की दिल्ली यूनिट में खींचतान बढ़ गई है।
नसीब सिंह ने कहा- आज ऐसी नौबत आ गई है कि कार्यकर्ता कहने लगे हैं कि वे किसी ऐसे शख्स के लिए काम नहीं करेंगे जिसने प्रोपेगेंडा कर के कांग्रेस को खत्म करने का ही काम किया है। सोनिया गांधी के नेतृत्व छोड़ने के बाद पार्टी में स्थितियां ठीक नहीं हैं। हम पार्टी की ऐसी दशा नहीं देख सकते। नसीब सिंह ने तिहाड़ जेल से दिल्ली कांग्रेस कमेटी चलाए जाने की बात कही और कन्हैया कुमार उदित राज पर खरगे जी की तस्वीर नहीं लगाने का आरोप लगाया।
नसीब सिंह ने कहा कि आज सत्ता के मोह में इतने गिर गए हैं कि उन्हें नजर नहीं आ रहा है कि आज 50 सीट पर आने वाली कांग्रेस की हालत इसी आम आदमी पार्टी के प्रोपेगेंडा की देन है। मौजूदा वक्त में कांग्रेस को ऐसे लोग चला रहे हैं जो कमलनाथ, अमरिंदर सिंह और गुलाम नबी आजाद को जलील करते हैं। उन्होंने कांग्रेस को बर्बाद कर दिया है। शर्म आनी चाहिए। ये डुबो के जाएंगे। कांग्रेस के डूबने में हम अपनी भागीदारी नहीं चाहते हैं। हमने कांग्रेस को 30 साल दिए हैं।
नसीब सिंह ने आगे कहा- राजकुमार चौहान जिन्होंने 15 साल पार्टी को दिए उनको निकालने की बातें की जा रही हैं। संदीप दीक्षित और जयकिशन को पार्टी से निकालने की बातें हो रही हैं। ऐसी बातें वो आदमी कर रहा है जिसने कभी चुनाव नहीं लड़ा। गुजरात में कांग्रेस की दुर्दशा गोविल और बावरिया ने की है। आज कांग्रेस को वे लोग चला रहे हैं जिन्होंने जीवन में कभी चुनाव नहीं लड़ा। आज जो कांग्रेस में हालात पैदा कर दिए हैं हम लोगों को जनता के बीच जवाब देना मुश्किल हो रहा है।
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