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Vampire Facials Causes HIV: इन दिनों उम्र को छिपाने के लिए मार्केट में एक से बढ़कर एक ब्यूटी प्रोडक्ट्स के अलावा तरह-तरह की कॉस्मेटिक सर्जरी कराई जा रही है. ऐसे ही चेहरों पर झुर्रियां न पड़े इसके लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल कर वैम्पायर फेशियल किया जाता है. इसे प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा (पीआरपी) माइक्रोनीडलिंग भी कहा जाता है. न्यू मैक्सिको के एक स्पा में वैम्पायर फेशियल कराने के बाद तीन महिलाएं कथित तौर पर एचआईवी की चपेट में आ गईं.
क्या होता है वैम्पायर फेशियल?
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक कॉस्मेटिक इंजेक्शन प्रक्रिया के दौरान एचआईवी का यह पहला केस सामने आया है. वैम्पायर फेशियल कराने वाले के चेहरे से पहले तो इंजेक्शन के जरिए खून निकाला जाता है और फिर उस खून से प्लेटलेट्स निकालकर उसे फिर से चेहरे पर इंजेक्ट किया जाता है. इस प्रक्रिया को जवां दिखने का सबसे अधिक किफायती विकल्प माना जाता है. वैम्पायर फेशियल टिशू के रिपेयर करने की प्रक्रिया को बढ़ाता है, जिससे फेस दोबारा जवां लगने लगता है.
इस प्रक्रिया के बाद चेहरे दिखते हैं जवां
एल्यूर पत्रिका के अनुसार, बेवर्ली हिल्स में स्कीन विशेषज्ञ डॉ. अवा शंबन के अनुसार जब फेस से निकाले गए ब्लड को सेंट्रीफ्यूज नामक मशीन में घुमाया जाता है तो यह ब्लड तीन कैटेगरी में बंट जाता है. इसमें सबसे ऊपर प्लाज्मा, बीच में बल्ड सेल और सबसे नीचे रेड बल्ड सेल होते हैं. बीच वाला भाग जहां बल्ड सेल होता है वहां पीआरपी आती है, जिसे सीरम भी कहा जाता है. यह सीरम सेल्स की रिकवरी में मदद करता है. यह सीरम कोलेजन और इलास्टिन (चेहरे का प्रोटीन) बनाता है, जो चेहरे को चिकना बनाए रखता है.
चूंकि वैम्पायर फेशियल में खुद उसी शख्स के बल्ड का इस्तेमाल किया जाता है जो इस कॉस्मेटिक सर्जरी को कराता है इसलिए इसे सबसे सुरक्षित और प्रभावी भी माना जाता है. यह भी दावा किया जाता है कि वैम्पायर फेशियल से त्वचा की बनावट में सुधार हो सकता है, जिससे चेहरे की छोटी-छोटी लाइनें और झुर्रियां कम हो सकती है.
त्वचा विशेषज्ञ और निकोलसएमडी के संस्थापक डॉ. किम निकोल्स के अनुसार वैम्पायर फेशियल में कम से कम छह पीआरपी इंजेक्शन की सर्जरी, जो लगभग चार सप्ताह के अंतराल पर होती है.
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