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India-Philippines: भारत की तरफ से फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप भेजने पर चीन तड़पने लगा है. चीनी की सेना ने इसपर बयान जारी कर तीसरे देश को नुकसान पहुंचाने वाला बताया है. ब्रह्मोस मिसाइल को दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में गिना जाता है. यह जमीन, हवा और समुद्र तीनों जगह से लक्ष्य को साधने में सक्षम है. अब चीन ने कहा है कि दो देशों के रक्षा सहयोग में ध्यान रखना चाहिए कि इससे किसी तीसरे पक्ष या वहां की क्षेत्रीय शांति में नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए.
दरअसल, भारत और फिलीपींस के बीच जनवरी 2022 में ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर 37.5 करोड़ डॉलर की डील हुई थी, इसके तहत भारत फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल के साथ तीन बैटरियां, उनके लांचर और इससे जुड़ी सामग्री सौंपेगा. भारत ने 19 अप्रैल को ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप फिलीपींस को सौंपी है, जिसके बाद चीन बौखला गया है. भारत की तरफ से ब्रह्मोस मिसाइल का यह पहला निर्यात है.
दक्षिण चीन सागर में तनाव
भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का पहला खेप ऐसे समय में भेजा है, जब दक्षिण चीन सागर में चीन का पांच देशों के साथ विवाद चल रहा है. दरअसल, दक्षिण चीन सागर पर चीन अपना दावा करता दूसरी तरफ फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान भी अपना दावा करता है. जब चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान से इस मसले में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, चीन हमेशा इस बात का ध्यान रखता है कि दो देशों के रक्षा सहयोग से तीसरे देश को नुकसान नहीं होना चाहिए.
चीन ने अमेरिका का किया विरोध
इस दौरान चीनी प्रवक्ता ने अमेरिका की तरफ चीन एशिया प्रशांत सागर में बैलिस्टिक मिसाइल तैनात करने का पुरजोर विरोध किया. चीनी प्रवक्ता ने कहा कि इसको लेकर हमारा रुख स्पष्ट और तर्क संगत है. अमेरिका के इस कदम से क्षेत्रीय देशों की सुरक्षा को गंभीर खतरा है. इसस क्षेत्र की शांति और स्थिरता बाधित होता है.
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