[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
दिल्ली हाईकोर्ट में सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 को चुनौती देते हुए वॉट्सऐप ने कहा कि यदि प्राइवेसी की शर्त तोड़ी गई तो वॉट्सऐप (WhatsApp) खत्म हो जाएगा। हाईकोर्ट ने वॉट्सऐप और उसकी मूल कंपनी मेटा द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 को चुनौती देने वाली याचिका को 14 अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों पक्षों से पूछा कि क्या इस मुद्दे पर किसी अन्य देश में कोई नियम है। वॉट्सऐप की ओर से पेश वकील ने कहा कि दुनिया में कहीं और ऐसा कोई नियम नहीं है। उन्होंने कहा कि यह नियम यूजर्स की प्राइवेसी के खिलाफ था और यह बिना किसी सलाह के पेश किया गया था। नियमों के आधार पर उन्हे कई वर्षों तक लाखों मैसेज सुरक्षित करके रखने होंगे और प्राइवेसी की शर्त को तोड़ना होगा। अगर ऐसा किया जाएगा तो कंपनी खत्म हो जाएगी।
बेंच के सदस्य जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा ने कहा कि प्राइवेसी के अधिकार पूर्ण नहीं हैं और कहीं न कहीं संतुलन बनाना होगा। केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि यह नियम तब महत्वपूर्ण हैं जब सांप्रदायिक हिंसा जैसे मामलों में आपत्तिजनक सामग्री प्लैटफॉर्मों पर फैलाई जाती हैं।
मामले में अगली सुनवाई 14 अगस्त को
केंद्र ने यह भी कहा है कि यदि किसी प्लैटफॉर्म के पास एन्क्रिप्शन को तोड़े बिना पहले प्रवर्तक का पता लगाने का साधन नहीं है तो यह वह प्लैटफॉर्म है, जिसे बड़े सार्वजनिक कर्तव्य में इस तरह की व्यवस्था विकसित करनी चाहिए। सरकार द्वारा 25 फरवरी, 2021 को सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 की घोषणा की गई थी और नवीनतम मानदंडों का पालन करने के लिए ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों को निर्देश दिए थे। बेंच ने आदेश दिया कि मामले को 14 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, 2021 आईटी नियमों के कई पहलुओं को चुनौती देने वाली अन्य सभी याचिकाओं को उसके पास स्थानांतरित करने का इंतजार किया जा सके।
[ad_2]
Source link