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China Reply On PM Modi Comment: चीन की सेना ने गुरुवार (25 अप्रैल, 2024) को बताया कि भारत-चीन सीमा पर ‘‘इस समय हालात सामान्य तौर पर स्थिर’’ हैं और दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध को सुलझाने के लिए ‘‘प्रभावी’’ संचार कायम रखा है. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘न्यूजवीक’ पत्रिका को दिए हालिया साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया देते हुए आई.
कर्नल वू कियान ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से प्रभावी संचार बनाए रखा है. सकारात्मक और रचनात्मक संवाद किया है व सकारात्मक प्रगति हासिल की है. दोनों पक्ष गतिरोध को सुलझाने के लिए यथासंभव जल्द से जल्द परस्पर स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए सहमत हो गए हैं.”
PM नरेंद्र मोदी ने न्यूजवीक को दिए इंटरव्यू में क्या कहा था?
‘न्यूजवीक’ को दिए इंटरव्यू में पीएम नरेंद्र मोदी बोले थे कि भारत के लिए चीन के साथ रिश्ते महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा था, ‘‘यह मेरा मानना है कि हमें सीमाओं पर लंबे समय से चली आ रही स्थिति पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है, ताकि हमारी द्विपक्षीय बातचीत में असामान्य स्थिति को पीछे छोड़ा जा सके. भारत और चीन के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध न केवल हमारे दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं.’’ चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 11 अप्रैल को मोदी के साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया में कहा था कि मजबूत और स्थिर चीन-भारत संबंध दोनों देशों के हितों की पूर्ति करते हैं और क्षेत्र एवं उससे परे शांति व विकास के लिए अनुकूल हैं.
गलवान झड़प के बाद भारत-चीन में हो चुकी हैं 21 बैठकें
पैंगोंग त्सो (झील) क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पैदा होने के बाद से भारत और चीन के बीच व्यापार को छोड़कर संबंधों में शिथिलता रही है. पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के परिणामस्वरूप व्यापार को छोड़कर सभी मोर्चों पर द्विपक्षीय संबंध थम नजर आए.
दोनों पक्षों ने गतिरोध को सुलझाने के लिए अब तक कोर कमांडर स्तर की 21 दौर की बातचीत की है. चीन की सेना के अनुसार दोनों पक्ष अब तक चार बिंदुओं- गलवान घाटी, पैंगोंग झील, हॉट स्प्रिंग्स और जियानान दबन (गोगरा) से पीछे हटने पर सहमत हुए हैं. हालांकि, भारत चीन की पीएलए पर डेपसांग और डेमचोक क्षेत्रों से सैनिकों को हटाने के लिए दबाव डाल रहा है. उसका कहना है कि जब तक सीमाओं की स्थिति असामान्य बनी रहेगी तब तक चीन के साथ उसके संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो सकती.
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