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गिरिडीह स्थित घर से निरंजन राय को सांसद निशिकांत दुबे अपनी कार से अमित शाह के मंच पर ले गए।
गिरिडीह के धनवार विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी निरंजन राय मान गए। शनिवार को गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे खुद कार ड्राइव कर उनको गृह मंत्री अमित शाह की डोरंडा में होने वाली सभा में मंच पर ले गए। वहां उन्होंने बाबूलाल मरांडी को समर्थन दे दिया। शाह न
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इससे पहले सुबह असम के मुख्यमंत्री और झारखंड चुनाव के सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा और गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने तिसरी स्थित आवास पर निरंजन राय से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने बंद कमरे में लगभग एक घंटे तक बात की। फिर दुबे और सरमा उन्हें अपने साथ हेलिकॉप्टर से लेकर निकल गए थे।
राय की वजह से धनवार सीट पर मरांडी फंस गए थे
धनवार विधानसभा सीट पूरे राज्य की सबसे हॉट सीट है। यहां से भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी निरंजन राय के मैदान में आने के बाद उनकी और पार्टी की बेचैनी बढ़ गई थी। राय को मनाने के लिए भाजपा लगातार प्रयास कर रही थी। अक्टूबर में निशिकांत दुबे उनको मनाने घर पहुंचे थे, लेकिन वे नहीं माने थे। इस बार दुबे करीब-करीब अपने अभियान में सफल होते दिख रहे हैं।
मरांडी का यहां मुकाबला माले नेता सह पूर्व विधायक राजकुमार यादव और जेएमएम नेता सह पूर्व विधायक निजामुद्दीन अंसारी से है।
सुबह हिमंता बिस्वा सरमा और निशिकांत दुबे ने निरंजन राय से बात की थी और हेलिकॉप्टर से लेकर चले गए थे।
जानिए, कौन हैं निरंजन राय
राजधनवार विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी निरंजन राय के पास कुल 137.36 करोड़ रुपये की संपत्ति है। उनकी उम्र 45 साल है। वह साक्षर हैं। उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनकी सालाना आमदनी 15.05 करोड़ रुपए हैं। उनकी पत्नी की आमदनी 38.29 लाख और एचयूएफ की आमदनी 3.16 लाख रुपये हैं। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2023-24 में दाखिल किये गए आयकर रिटर्न में इसका उल्लेख किया है। उनके नाम पर कुल 130.80 करोड़ रुपए की चल व अचल संपत्ति है। वहीं, पत्नी के नाम पर कुल 6.11 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
दूसरे फेज के दूसरे सबसे अमीर प्रत्याशी हैं निरंजन राय। उनके इसी आवास पर हुई थी बैठक।
2005 के बाद अपने सिंबल पर नहीं जीती है भाजपा
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद गिरिडीह जिले की इस सीट पर भाजपा-जेवीएम का कब्जा रहा है। 2000 और 2005 में भाजपा के रवींद्र राय ने भाजपा की झोली में यह सीट डाली। 2009 में झाविमो के निजामुद्दीन अंसारी झाविमो के सिंबल पर जीते। 2014 में भाकपा माले के राजकुमार यादव ने जीत हासिल की थी। वर्तमान में बाबूलाल मरांडी यहां के विधायक हैं। वे जीते तो झाविमो के सिंबल पर थे, पर बाद में अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया। फिर अध्यक्ष भी बने। इस बार भी भाजपा ने मरांडी पर ही दांव खेला है। जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी और सीपीआई-एमएल ने बाबूलाल मरांडी को घेरने की रणनीति तो बनाई है, मगर जेएमएम के साथ माले ने भी प्रत्याशी उतार दिया है। ऐसे में चुनाव रोमांचक हो गया है।
2024 लोकसभा चुनाव में धनवार में भाजपा को मिली है बढ़त
2024 लोकसभा चुनाव में कोडरमा संसदीय सीट के धनवार विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी को बड़ी बढ़त मिली थी। अन्नपूर्णा को 1,17,425 वोट मिले, जबकि भाकपा माले प्रत्याशी विनोद कुमार सिंह को 73,338 मत प्राप्त हुए। अन्नपूर्णा 44 हजार वोट से आगे रही थीं। अब केंद्रीय मंत्री बन चुकीं अन्नपूर्णा देवी की प्रतिष्ठा भी यहां से दांव पर है। भाजपा लोकसभा के ये नतीजे विधानसभा चुनाव में दोहराने की कोशिश करेगी।
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