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ईडी ने कोर्ट को बताया जमीन माफिया कमलेश ने चार साल में बेच डाली 85.53 करोड़ रुपए की जमीन
रांची के जमीन कारोबारी कमलेश के सारे कारनामे का काला चिट्ठा ईडी ने अदालत में खोल कर रख दिया है। ईडी ने इसके सबूत भी सौंपे हैं। ईडी ने अदालत को बताया है कि जमीन माफिया कमलेश ने 2020 से 2024 के बीच फर्जी कागजात पर 85.53 करोड़ रुपए की जमीन बेच दी।
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इसके लिए धनबाद डीटीओ दिवाकर प्रसाद द्विवेदी, कांके सीओ जयकुमार राम, जमीन दलाल अमरेंद्र कुमार दुबे, अरविंद कुमार साहू और रेखा देवी ने उसकी मदद की। इन सभी खिलाफ ईडी ने सितंबर में चार्जशीट दायर की गई थी। अब नई जानकारी दी है, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है।
इसमें कहा है कि कमलेश ने अपने सहयोगियों की मदद से फर्जी नीलामी पेपर और जमीन के फर्जी कागजात तैयार किया। इसके आधार पर बड़ी संख्या में जमीन की खरीद-बिक्री की। जिस जमीन की बिक्री नहीं हो सकती थी, उसे भी सीओ और अंचल कार्यालय के कर्मचारियों से मिलीभगत कर बेच दिया। अपराध की आय सभी आरोपियों में बंटा है।
चार महीने पहले ईडी ने कमलेश के घर पर छापेमारी भी की थी
कांके के पूर्व सीओ ने कमलेश से लिए 3.50 करोड़
कोर्ट में दी गई चार्ज शीट में बताया गया है कि कांके के पूर्व सीओ दिवाकर प्रसाद सी द्विवेदी ने 43 एकड़ जमीन पर कब्जे के बदले 3.50 करोड़ रुपए कमलेश कुमार से लिए थे। दिवाकर ने डील की पहली किस्त 20 लाख व दूसरी किस्त 60 लाख पूर्व जिला सब रजिस्ट्रार राहुल चौबे के हरिहर सिंह आवास में ली थी।
राहुल चौबे और कमलेश ने इस बात को ईडी के समक्ष स्वीकार भी किया। तीसरी किस्त के 1.50 करोड़ रिंगरोड में दिए गए थे, जबकि अंतिम किस्त दिवाकर के डाटा इंट्री ऑपरेटर प्रवीण कुमार जायसवाल ने ली थी। कमलेश के मोबाइल से ईडी को एक तस्वीर भी मिली है।
दो साल में एक व्यक्ति से फोन पर 353 बार बात की
ईडी ने कमलेश के मोबाइल का कॉल डिटेल्स भी निकाला है। इसके मुताबिक दो जुलाई 2022 से 25 जुलाई 2024 के बीच उसने अरविंद कुमार साहू से 353 बार बात की। वहीं 15 अक्टूबर 2022 से 16 जून 2024 के बीच कमलेश व अमरेंद्र के बीच 30 बार बातचीत हुई। कमलेश के मोबाइल में वॉट्सएप चैट मिले हैं, जो दिवाकर, अरविंद व अमरेंद्र के बीच हुए थे।
जमीन के कमीशन की अंतिम किस्त दिवाकर के डाटा इंट्री ऑपरेटर प्रवीण कुमार जायसवाल ने ली थी। कमलेश के मोबाइल से ईडी को एक तस्वीर भी मिली है।
इन खाता संख्या की जमीन हड़पी
कोर्ट को दी गई जानकारी में ईडी ने बताया है कि फर्जी नीलामी पत्र के जरिए 38 एकड़ 87 डिसमिल जमीन हड़पी गई है। खाता नंबर 81, 28, 50, 75, 81, 73, 121, 114, 115, 119 समेत अन्य खाता में ये जमीन स्थित हैं। इस जमीन की कीमत 40.01 करोड़ आंकी गई है। इसी तरह की 12 जमीनों को कमलेश कुमार ने अपने सहयोगियों के जरिए 17 फरवरी 2020 से 24 अप्रैल 2024 के बीच राजेश बथवाल, अंशुल जैन, संगीता वर्मा, विमल कीर्ति सिंह, उज्ज्वल चौधरी, रविकांत यादव, गणेश ठाकुर, परमजीत कौर, अमित कुमार मोदी, ऋषभ अग्रवाल, लक्ष्मी इंग्लीटेक प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स रॉयल इंस्ट्रूमेंट को बेची।
इन 12 डीड के जरिए कुल 2,24,85000 रुपए की जमीन की खरीद-बिक्री दिखायी गई। रिकॉर्ड रूम में जांच के दौरान पाया गया कि फर्जी तरीके से नीलामी पत्र में दूसरे का नाम चढ़ा दिया गया था। जांच में ईडी ने पाया है कि सीओ दिवाकर द्विवेदी और जयकुमार राम को जानकारी थी कि नीलामी पत्र फर्जी हैं, लेकिन इन्होंने जमीन की जमाबंदी कर दी।
कमलेश कुमार ने अपने सहयोगी प्रदीप साहू व अरविंद साहू के पूर्वज परसू साहू के नाम पर 38 एकड़ जमीन के लिए फर्जी नीलामी पत्र बनवाया था। दुखन साहू के नाम पर भी 15 एकड़ जमीन का फर्जी नीलामी पत्र बनाया गया था। इसकी कीमत 24.33 करोड़ आंकी गई। महावीर साहू के नाम पर बने फर्जी नीलामी पत्र के जरिए 11.43 एकड़ जमीन हड़पी गई, इसकी कीमत 14.73 करोड़ आंकी गई।
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