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साइबर ठग अब जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पैर पसार रहे है। सरकारी विभागों से जुड़े लोग इनके शिकार हो रहे हैं। खकनार क्षेत्र में ऐसे 4 मामले सामने आए हैं। इसमें एक जागरूक कार्यकर्ता ने तत्काल साइबर कॉल सेंटर 1930 पर कॉल कर दिया। जहां त्वरित रूप से एक्श
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अमुल्ला खुर्द की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता पाईकराव को गुरुवार दोपहर करीब 3.53 बजे एक कॉल आया। दूसरी ओर से व्यक्ति ने कहा- मैं पीएचई विभाग से बोल रहा हूं। आप सुनीता पाईकराव आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हो क्या। आपकी आंगनबाड़ी केंद्र में हमें आरओ की मशीन लगाना है, इसके लिए जो मजदूर आएंगे उनको भोजन करा देना। भोजन का पेमेंट में आपको भेजता हूं। कुछ ही देर में उसने एक एसएमएस भेजा जिस पर क्लिक करते ही खाते में मौजूद 38 में से 35 हजार रुपए कट गए। इसकी शिकायत पीड़ित ने तुरंत साइबर कॉल सेंटर नंबर 1930 पर की। तब वहां से सीधे खकनार पुलिस को कॉल आया। पुलिस ने पीड़ित को बयान देने के लिए बुलाया। साथ ही आश्वासन दिया कि राशि होल्ड करा दी गई है।
लिंक पर क्लिक करते ही खाते से कट गए 35 हजार रुपए
ठग ने एक दिन में करीब 4 लोगों को किया कॉल
बचीअमुल्ला खुर्द क्षेत्र में ठगों ने एक दिन में चार लोगों को अपना शिकार बनाने की कोशिश की। कुछ में वह सफल हो गए, जबकि एक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सतर्कता के कारण बच गई। दरअसल, उसी ठग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उर्मिला दिलीप को भी कॉल किया था, लेकिन महिला ने कहा मैं घर जाकर बात करती हूं और कॉल कट कर दिया। इससे वह ठगी की शिकार होने से बच गई। वहीं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह ठग लोगों को कॉल कर ठगने प्रयास कर रहे हैं।
बता दें कि सरकारी कर्मचारियों को विभिन्न योजनाओं, निर्वाचन आदि का काम रहता है। अफसरों के फोन भी आते हैं। ऐसे में ठग भी इसका फायदा उठाने की कोशिश करते हैं, क्योंकि वह कहीं न कहीं से पर्सनल जानकारी एकत्रित कर कॉल करते हैं। साइबर ठगी हो तो 1930 पर करें कॉल साइबर ठगी होने पर साइबर कॉल सेंटर के नंबर 1930 पर लोग कॉल कर सकते हैं, लेकिन इसकी समयावधि आधे घंटे की रहती है। अगर इस समय सीमा में कॉल कर दिया जाए तो राशि होल्ड होकर जल्द वापस मिलने की उम्मीद रहती है। इस पर तत्काल एक्शन होता है। पुलिस की अपील है कि वह किसी भी ऐसी अनजान लिंक पर न जाएं।
टीआई बोले-कुछ मामले दर्ज, कुछ की जांच जारी
इसे लेकर खकनार थाना प्रभारी अभिषेक जाधव ने कहा- कुछ मामले साइबर क्राइम के माध्यम से दर्ज हुए है, जबकि कुछ की जांच जारी है। पीड़ितों की राशि होल्ड कराने का भी प्रयास किया गया है।
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