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केबीसी के सेट पर अमिताभ बच्चन के साथ इंदौर का पार्थ उपाध्याय।
पार्थ अमित कृष्णकांत पूर्णशंकर माणकलाल विश्वनाथ उपाध्याय। 9वीं क्लास में पढ़ने वाला इंदौर का ये वो स्टूडेंट है, जिसने बाल दिवस यानी 14 नवंबर को सोनी टीवी पर प्रसारित कौन बनेगा करोड़पति में 25 लाख पॉइंट्स जीते। सामने बैठे शो के होस्ट और फिल्म स्टार अमित
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इंदौर के पार्थ उपाध्याय को मलखंब-तैराकी का भी शौक है। शिशुकुंज स्कूल में पढ़ाई कर रहे पार्थ ने दैनिक भास्कर को बताया कि वह कक्षा 3 में था तभी से इन खेलों में शौक रखता है। उसे संगीत का भी शौक है। कहता है- मैंने पिता अमित उपाध्याय को घर में मंत्रोच्चार करते सुना तो अध्यात्म की ओर रुचि जागी।
मेरी मां मुझे रोज एक पौराणिक कहानी सुनाती थी। कोरोना के समय थोड़ी समझ आ गई थी। इसलिए तब पापा-मम्मी ने मुझे धर्म के बारे में काफी कुछ बताया। तब मैंने रामायण-महाभारत पढ़ना शुरू किया। मैंने देखा कि एक घटनाक्रम के अंदर कई किस्से-कहानियां हैं। तब मेरी रूचि और बढ़ती गई।
फिर मैं इन्हें कहने और एक्सप्लेन करने का ढंग तलाशने लगा। इसी बीच मैंने देश के नामचीन कवि कुमार विश्वास को कविताएं कहते सुना। मैं उन्हें फॉलो करने लगा। उनकी कई कविताएं सुनीं। कहानी कहने और संवाद का तरीका भी देख-देखकर सीखने की कोशिश की।
पार्थ ने रामायण का काव्य पाठ करने से पहले जूते उतार दिए। कहा कि ये मेरे संस्कार हैं, जब भी भगवान की बात करो तो जूते उतारकर ही बात करना चाहिए।
यही केबीसी में मेरे काम आया। जैसे ही अमिताभ बच्चन के सामने बैठा तो महाभारत का एक किस्सा आया। मैंने उनसे अनुमति लेकर रामधारी सिंह दिनकर की पूरी कविता सुना दी। यह सुनकर वे स्तब्ध रह गए। इसी तरह केबीसी में रामायण का भी प्रसंग आया तो मैंने वह भी उसी अंदाज में सुनाया। यह अमिताभ बच्चन सहित वहां बैठे हरेक दर्शक को बहुत पसंद आया।
पार्थ कहते हैं आजकल वे हस्त विज्ञान और ज्योतिष के बारे में समझ विकसित कर रहे हैं। इसके चलते ही उन्होंने केबीसी के बीच में ही अमिताभ का हाथ भी देखा। अमिताभ से कहा आपके शुक्र पर्वत पर बहुत से क्रॉस बने हुए हैं, यानी आप के सिर पर बहुत सी जिम्मेदारियां हैं। यह सुनते ही अमिताभ ने मजाकिया अंदाज में कहा, मैं यहां बहुत सी बातें शेयर नहीं कर सकता।
केबीसी से मिला मेडल दिखाता पार्थ।
बिना किसी फिलर के दिखा पाए पार्थ का एपिसोड
पार्थ के पिता अमित ने कहा, इस एपिसोड का शूट 8 नवंबर को हुआ। शूट के पहले तय हुआ था कि सोनी की टीम इंदौर भी आएगी और यहां हमारे शॉट्स लेगी। लेकिन शूट के बाद एपिसोड के प्रोड्यूसर मेरे पास और कहा, पांच साल में पहली बार है जब हमने बिना किसी फिलर के किसी बच्चे का एपिसोड दिखाया। यदि पार्थ एक दिन और खेलता तब भी उसके पास इतना कंटेंट था कि हमें फिलर की जरुरत ही नहीं पड़ती।
पार्थ ने अमिताभ बच्चन का हाथ देखा। उन्हें कहा कि आप के सिर पर जिम्मेदारियां बहुत है।
एफडी की तरह मिलेगा पैसा
पेशे से हाई कोर्ट एडवोकेट पिता अमित ने कहा केबीसी में पैसा ट्रांसफर करने की प्रोसेस जो स्क्रीन पर दिखाई जाती है उससे अलग होती है। पार्थ ने केबीसी में 25 लाख पॉइंट जीते। ये एक तरह के रुपए ही हैं। सोनी की टीम पैसा ट्रांसफर करने की प्रोसेस को चार महीने में पूरा करेगी। यह पैसा एक एफडी की तरह हमें मिलेगा। पार्थ जब 18 साल का होगा तब उसके अकाउंट में यह जमा हो जाएगा। इसके लिए पिता को नॉमिनी बनाया गया है।
अमित ने बताया कि इस राशि में से जीएसटी काटकर खाते में दिया जाएगा। इस पैसे का उपयोग क्या करेंगे ये अभी तय नहीं है। उसे 18 साल का होने में अभी 5 साल हैं, उसके बाद ही इस पैसे के उपयोग के बारे तय करेंगे। अमित ने आगे कहा केबीसी में जाना हमारे लिए किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं था। हमारे लिए पैसे मायने नहीं रखते, लेकिन सदी के महानायक के सामने बैठना ही हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
पार्थ बचपन से ही मलखम्ब खेलता आ रहा है। उसे स्वीमिंग और संगीत का भी शौक है। इन दिनों वह हाथ देखने और कविता पाठ में आगे बढ़ने की कोशिश में लगा है।
फोन आया तो समझ ही नहीं पाए, हमने कंफर्म किया तो सही निकला फोन
अमित ने कहा एक माह पहले हमें केबीसी से फोन आया। तब हमें लगा यह फेक कॉल होगा। दूसरी बार आया तब कहा गया कि आपका कॉल रिकॉर्ड किया जा रहा है। तब भी हमें इस फोन पर शंका थी। फिर हमने जिस नंबर से कॉल आया था उसके बारे में सर्चिंग की। इसके बाद हमें यकीन हुआ कि वह फोन केबीसी से ही आया था।
अमित की बात काटते हुए पार्थ ने कहा जैसे ही हमें पता चला कि फोन केबीसी से ही आया था, उसी दिन हमने जमकर पार्टी की। इसके बाद तैयारियों में जुट गया।
सोशल मीडिया से दूर रहकर पढ़ाई पर फोकस, केबीसी में जाने के लिए करंट अफेयर्स पढ़ा
पार्थ ने कहा कि जैसे ही केबीसी में जाने की तारीख तय हुई मैंने वहां जाने की तैयारियों में जुट गया। मेरा प्रिय विषय पौराणिक कथाएं हैं, इसलिए उस पर ज्यादा फोकस किया। मैंने करंट अफेयर्स के बारे में पढ़ा। अखबारों की हेडलाइन पढ़ना शुरू कर दिया। चूंकि स्कूल, पढ़ाई और मेरी दूसरी एक्टिविटी भी रहती है, इसलिए मैंने उन्हें डिस्टर्ब नहीं किया।
एक हजार बच्चों को बुलाया था, उसमें पहले 20 फिर दस बच्चों को चुना
अमित ने बताया केबीसी में बच्चों के सीजन के लिए एक हजार बच्चों को चुना गया था। सभी को वहां बुलाया गया। उनके अलग-अलग लेवल पर टेस्ट हुए। इनमें से पहले चरण में 20 फिर उनमें से 10 बच्चों को चुना गया। पार्थ भी इनमें से एक था। अमित कहते हैं, पार्थ ने बहुत नर्वस था, इसलिए उसने जल्दबाजी में अपनी तीनों लाइफ लाइन यूज कर लीं। अमिताभ बच्चन चाहकर भी उसकी कोई मदद नहीं कर सके। अन्यथा जिस सवाल पर पार्थ ने क्विट किया, उसका जवाब पार्थ को पता था। लेकिन अमिताभ बच्चन नहीं चाहते थे कि पार्थ का नुकसान हो, इसलिए उन्होंने क्विट करने की सलाह दी।
अपने माता-पिता के साथ पार्थ।
अमिताभ ऑफ स्क्रीन बात कम ही करते हैं
पार्थ ने कहा जब फास्टेस्ट फिंगर में फर्स्ट आया तो अमिताभ बच्चन के सामने बैठने का मौका मिला। मैं हॉट सीट पर पहुंचा तो बहुत नर्वस था। लेकिन अमिताभ बच्चन ने बहुत ही सहजता से मुझे सामान्य किया। वे बहुत ही सॉफ्ट नेचर के हैं। बच्चों से बात करने का उनका अंदाज बहुत अलग है। वे बच्चों के साथ बच्चे बन जाते हैं। हालांकि वे ऑफ स्क्रीन बहुत कम बात करते हैं, लेकिन शूटिंग के दौरान उन्होंने मुझसे बहुत बातें कीं।
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