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स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के लिए टीम जनवरी में इंदौर आ सकती है। इस बार निगम को वाटर प्लस, सेवन स्टार के सर्टिफिकेट भी लेना है। इसी बीच निगम प्रशासन वर्ल्ड टॉयलेट डे पर नवाचार करने जा रहा है। इसके तहत 19 नवंबर को शहर के 700 पब्लिक टॉयलेट पर 1 लाख सेल्फी
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शहर में 78 कम्युनिटी टॉयलेट, 234 पब्लिक टॉयलेट हैं। 150 से ज्यादा यूरीनल हैं। हरेक में हर दिन औसतन 150 लोग जाते हैं। इनके मेंटेनेंस, सफाई का अभियान शुरू कर दिया है। केयर टेकर की ट्रेनिंग शुरू हो गई है। जा के देखो अभियान के तहत कॉरपोरेट, सांसद, विधायक से अपील की जाएगी कि वे इनका उपयोग करें और फीडबैक दें।
अब तक निगम अधिकारी ही इसका निरीक्षण करते आए हैं, लेकिन पहली बार जनप्रतिनिधियों और स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एम्बेसेडर भी निरीक्षण करेंगे। 19 नवंबर को बड़ा कार्यक्रम होगा।
मेंटेनेंस पर निगम का कोई पैसा खर्च नहीं
नगर निगम ने इनके मेंटेनेंस के लिए एजेंसी तय कर दी है। अखिल भारतीय ग्रामीण विकास व पर्यावरण संस्था, अखिल भारतीय रचनात्मक सेवा संस्थान लखनऊ, आर्य भट्ट सेवा संस्था, परम पूज्य सेवा मेंटेनेंस सोसायटी, वाल्मीकि श्रमिक समाज विकास संस्था, सुलभ इंटरनेशनल, सुलभ इंटरनेशनल भोपाल के पास मेंटेनेंस है।
इनमें से कुछ का मेंटेनेंस निगम खुद करता है। इनकी रेटिंग के लिए एक मशीन भी रखी गई है। कोई भी व्यक्ति इनका उपयोग कर रेटिंग दे सकता है। इन सभी के मेंटेनेंस पर निगम को कोई खर्च नहीं करना पड़ता है। मेंटेनेंस एजेंसी ही इसका खर्च उठाती है। अभियान के तहत ही इंदौर प्लास्टिक एसोसिएशन डस्टबिन डोनेट करेगी।
कहीं टूट-फूट और गंदगी अभी भी
13 नवंबर से अभियान की शुरुआत हो चुकी है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त के निर्देश पर पहले सभी को इसका निरीक्षण करने के लिए भेजा गया। एनजीओ की टीम ने मौका-मुआयना किया। बीसीसी के पास वाला टॉयलेट खराब मिला तो राजकुमार ब्रिज के पास वाले टॉयलेट की स्थिति अच्छी थी। ज्यादातर जगह पर यूरीनल में दिक्कत थी। कहीं टूट-फूट हो रही है तो कहीं बदबू भी आ रही थी। निगम प्रशासन ने इन्हें ठीक करने के निर्देश दिए हैं।
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