[ad_1]
एडीएम को ज्ञापन सौंपते शिक्षक संघ के पदाधिकारी।
खेरवाड़ा ब्लॉक में एसडीएम माधव भारद्वाज की ओर से जारी आदेश विवादों में आ गया है। इस आदेश में कहा गया है कि सरकारी स्कूल का कोई भी शिक्षक बिना उनकी (एसडीएम) स्वीकृति के अवकाश नहीं लेगा। यदि वह प्रिंसिपल या अन्य विभागीय अधिकारी से अनुमति लेकर अवकाश पर र
.
एसडीएम ने ब्लॉक के राउमावि बायड़ी के 6 शिक्षकों को बिना उन्हें बताए छुट्टी लेने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही इन शिक्षकों की छुट्टी स्वीकृत करने वाले प्रिंसिपल को भी नोटिस देकर जवाब मांगा गया। नोटिस में 2 दिन के अंदर व्यक्तिगत हाजिर होकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं होने की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद ब्लॉक के शिक्षा विभाग में खलबली मच गई। शिक्षक विरोध में उतर गए हैं।
गुरुवार को दोपहर बाद शिक्षक कलेक्ट्री पहुंचे और शिक्षक संघ राजस्थान पंचायती राज और माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले कलेक्टर के नाम पर ज्ञापन दिया। प्रदेश अध्यक्ष शेरसिंह चौहान ने बताया कि अवकाश स्वीकृत करने का पहला अधिकार प्रिंसिपल का होता है। प्रदेश संगठन मंत्री भैरूलाल कलाल ने बताया कि यदि यह आदेश वापस नहीं लिया जाता है तो आंदोलन किया जाएगा।
एसडीएम बोले- स्कूलों से गायब रहते हैं शिक्षक, रिजल्ट खराब केंद्र सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों के बोर्ड रिजल्ट सुधारने के लिए आकांक्षी ब्लॉक योजना शुरू की है। इसके तहत देश में 112 ब्लॉकों का चयन किया गया है। इसमें उदयपुर जिले का खेरवाड़ा ब्लॉक भी शामिल है। इसी के तहत एसडीएम भारद्वाज ने 24 अक्टूबर को आदेश जारी कर स्कूलों के शिक्षकों के अवकाश पर पाबंदी लगा दी। उन का कहना है कि खेरवाड़ा ब्लॉक में स्कूलों की स्थिति खराब है।
शिक्षक बेमतलब अवकाश लेते हैं। लंबे समय तक स्कूलों से गायब भी रहते हैं। यहां का रिजल्ट खराब है। ब्लॉक में 60 प्रतिशत से ऊपर अंक लाने वाले महज 27 बच्चे ही हैं। ऐसे में सख्ती करनी जरूरी थी। यदि किसी के पास वाजिब कारण है और अवकाश चाहिए तो इनकार नहीं किया है।
[ad_2]
Source link