[ad_1]
Bangladesh Interim Government to Interpol : बांग्लादेश की राजनीति में लगातार चर्चाओं मे बनी हुई है. बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर हर मुमकिन कोशिश में लगी है. हालांकि बांग्लादेश की राजनीति में शेख हसीना के नाम की चर्चा एक बार फिर से होने लगी है. हालांकि इस बार मामला कुछ अलग है. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना फिलहाल भारत में शरण में है. वहीं, दूसरी ओर मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में लगी हुई है.
शेख हसीना को वापस लाने की यूनुस सरकार कर रही कोशिश
दरअसल, बांग्लादेश में भारी विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना का तख्तापलट कर दिया गया. जिसके बाद से शेख हसीना ने भारत में शरण ले ली है और बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने सत्ता संभाली. इसके बाद से ही यूनुस सरकार भारत पर शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर दबाव बनाने की कोशिश में लगी है. जिस पर भारत ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
भारत पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका का किया रूख
बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन के समर्थन से भारत पर दबाव बनाने की योजना बनाई थी. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के जीतने के बाद यूनुस सरकार की उम्मीदों पर पानी फिर गया. क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही ये बयान दिया था कि बांग्लादेश में हिंदू पर अत्याचार हो रहे हैं. ऐसे में बांग्लादेश की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.
शेख हसीना के खिलाफ इंटरपोल के पास पहुंचे यूनुस
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए यूनुस सरकार एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए मोहम्मद यूनुस ने अब इंटरपोल का रूख किया है. मोहम्मद यूनुस ने इंटरपोल से शेख हसीना के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की. उन्हें उम्मीद थी कि इंटरपोल में शामिल दुनिया के 196 देश इस मामले को लेकर भारत पर दबाव बनाएंगे. हालांकि भारत की प्रतिक्रिया ने मोहम्मद यूनुस को तगड़ा झटका दिया है. भारत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इंटरपोल का नोटिस सिर्फ एक अनुरोध है, कोई बंधन नहीं.
यह भी पढ़ेंः बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले नहीं रुके तो सीमा पर विरोध प्रदर्शन करेंगे: शुभेंदु अधिकारी
[ad_2]
Source link