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जल विहार मेले के समापन के बाद बुधवार की शाम 4 बजे नगर पालिका सीएमओ के आदेश पर नपाकर्मियों ने मेला बंद करने के लिए लिखित में संबंधित अधिकारियों को सूचित किया और अनाउंसमेंट कराया गया। लेकिन गुरुवार की शाम झूला ठेकेदार ने बिना किसी की परमिशन के शाम 5 बज
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नगर पालिका प्रशासन एक दिन पहले अनाउंसमेंट कर दुकानें बंद करने की नसीहत दे चुका है। ऐसे में मेले से दुकानें न हटने के वजह से शहर लोग मेला पहुंच रहे हैं। अंधेरा होने से चोरी और लूट जैसी घटनाएं होने का भी अंदेशा बना हुआ है। वहीं मेला सह प्रभारी इंजीनियर गोकुल प्रजापति का कहना है कि हमने तो मेला बंद करा दिया गया है। अब मेला संचालित हो रहा है तो, इसमें हम लोग कुछ नहीं कर सकते। इसके लिए अगर पुलिस बल मिलता है तो सख्ती बरतते हुए मेला की दुकानें हटाई जाएगी।
जानकारी के अनुसार जलविहार मेले का आयोजन निकाय के आदेश पर 22 अक्टूबर से 5 नवंबर तक किया गया। 6 अक्टूबर को मेले की समय अवधि समाप्त हो गई। जिस कारण सीएमओ दिनेश तिवारी ने लिखित आदेश जारी कर संबंधित अधिकारियों को सूचित करते हुए जलविहार में शाम 4 बजे एलाउंसमेंट करवाया। जिसमें दुकान और झूले को बंद करने के लिए कहा गया। लेकिन कुछ दलालों के कहे अनुसार दुकानदार और झूला ठेकेदारों से पैसे लेकर नपा कर्मचारियों से साथ घटकर मेला को जारी रखने के लिए कहा गया और मेला जारी है।
देर रात मेले में खरीदारी करते लोग।
अवैध तरीके से दलालों ने चालू कराए झूले
देर रात कुछ दलालों ने झूला ठेकेदार को प्रशासन की गारंटी लेते हुए झूले को चालू करने की सलाह दी। इस दौरान अवैध तरीके से जनरेटर से लाइट लेकर रात के अंधेरे में झूले को संचालित किया गया।
सीसीटीवी कैमरे और पुलिसकर्मी नहीं देखे मौजूद
नपा के लिखित आदेश के बाद मेला से सीसीटीवी कैमरे निकाल लिए गए। वहीं पुलिसकर्मी की ड्यूटी भी हटा दी गई, जिससे सुरक्षा व्यवस्था भी हट गई। इधर इस संबंध में प्रभारी सीएमओ दिनेश तिवारी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा किमेला निरस्त कर दिया गया है। अगर दोबारा से इसे बढ़ाने के लिए फाइल आती है। तो इसे बढ़ाने को लेकर विचार किया जाएगा।
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