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मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने छत्रीपुरा में हुए पथराव पर प्रतिक्रिया दी।
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इंदौर में शुक्रवार को हुए पथराव पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने यह प्रतिक्रिया दी है। वे सोमवार को विजयनगर क्षेत्र में एक प्रोग्राम में शामिल होने पहुंचे थे।
यहां विजयवर्गीय ने मीडिया से कहा कि मैं अभी देख रहा हूं कि प्रशासन काफी सक्रिय है। प्रशासन कार्यवाही करेगा। यदि इसमें सही चेहरे आइडेंटिफाई नहीं हुए तो फिर मैं भी देखूंगा कि इंदौर में कौन अशांति फैलाता है। मेरे हाथ लग गए तो उल्टा लटका कर शहर में घुमाऊंगा।
महिलाओं ने कहा-उनके मकान टूटने चाहिए
मंत्री विजयवर्गीय सोमवार देर रात छत्रीपुरा भी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने महिलाओं से कहा कि आप सभी झांसी की रानी हो। इस पर महिलाओं ने विजयवर्गीय से कहा कि वे लोग बहुत परेशान करते हैं, उनके मकान टूटने चाहिए।
मंत्री कैलाश विजयर्गीय सोमवार रात छत्रीपुरा पहुंचे।
छत्रीपुरा में यह हुआ था विवाद
छत्रीपुरा थाने से महज 150 मीटर दूर रविदासपुरा में शुक्रवार को दोपहर 1.45 बजे दो बच्चियां पटाखे चला रही थीं, तभी सामने रहने वाले सलमान और शानू उन्हें अपशब्द कह दिए। बच्चियों की मां से भी झगड़ा किया। इसके बाद विवाद बढ़ गया और दोनों ओर से जमकर पथराव होने लगा। भीड़ ने 15 वाहनों और धर्मस्थलों में तोड़फोड़ कर दी। एक ऑटो रिक्शा और एक कार में भी आग लगा दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को खदेड़ा। 6 थानों का फोर्स और रिजर्व बल बुलाया तब स्थिति नियंत्रण में आई थी।
इस विवाद को लेकर एक महिला ने आरोप लगाया था कि बच्चियों की शिकायत पर मैं सलमान और शानू से बात करने गई थी। मैं सात माह की गर्भवती हूं फिर भी उन्होंने धक्का दिया। महिलाओं ने मारपीट की। आरोपियों ने अभद्रता की और झूमाझटकी करने लगे। पास में रहने वाले तरुण अग्रवाल ने आपत्ति ली तो उन पर पत्थर चलाए। उनके कंधे और कान में चोट लगी।
रविदासपुरा में पटाखा फोड़ने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ।
दिवाली के दिन घर में आग लगाई थी छत्रीपुरा विवाद में घायल राशिदा बी ने बताया कि परसों रात में दिवाली के दिन घर में आग लगाई थी। वो हमने बुझा दी थी। हम लड़ाई नहीं करना चाहते थे। दूसरे दिन पटाखे घर में फेंकने लगे तो विरोध किया। फिर 40-50 लोगों ने एक लड़के को बहुत मारा। हम तीन महिलाएं बचाने निकले तो आरोपियों ने तलवार और बल्ली से हमला किया और खून में नहला दिया। राशिदा ने कहा, हम रिपोर्ट दर्ज करवाने थाने पहुंचे तो यहां 300 लोगों ने थाना घेर रखा था। सुरेश गोदला और उसके लोग थे। हमारे घर में पटाखे फेंक रहे थे, उसे लेकर ही विवाद हुआ था। एक महिला के पैर में फ्रैक्चर आ गया। मारने वाले पुरुष थे। रविदासपुरा के लोग थे। बच्ची पटाखा फोड़ रही थी और मना किया तब विवाद हुआ ये झूठ है। वहां कैमरे लगे हैं, देख लीजिए पता चल जाएगा।
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