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hathras stampede
– फोटो : पीटीआई
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एटा के जिला अस्पताल में हाथरस भगदड़ में मारे गए लोगों के शवों को लाया गया। पोस्टमार्टम के बाद एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि इन लोगों की मौत का प्रमुख कारण दबाव की वजह से दम घुटना था। उन्होंने कहा कि भगदड़ के बाद अस्पताल ने एक दिन में सामान्य संख्या से चार गुना अधिक पोस्टमार्टम किए।
हाथरस के फुलराई गांव में मंगलवार को भगदड़ के बाद यहां जिला अस्पताल के शवगृह में 27 शव लाए गए। कुल मृतकों की संख्या 124 हो गई और शवों को एटा और अलीगढ़ सहित आसपास के इलाकों के विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया।
एटा के अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम मोहन तिवारी ने बताया कि यहां लाए गए शवों का पोस्टमार्टम हुआ। उन्होंने बताया कि कुछ शवों की पहचान हो गई, जबकि कुछ की बाकी है। तिवारी ने कहा कि लगभग सभी की मौत का कारण दबाव की वजह से दम घुटना पाया गया है।
उन्होंने कहा कि मारे गए लोगों में अधिकतर 40 से 50 आयु वर्ग की महिलाएं थीं। अस्पताल की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि वे जिले में औसतन प्रतिदिन चार से पांच पोस्टमार्टम देखते हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार को शवों की संख्या औसत से काफी अधिक थी, जिससे अस्पताल के कर्मचारियों और अधिकारियों को नियमित समय से अधिक काम करना पड़ा।
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