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India-Pakistan Relations: भारत ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में फिर पाकिस्तान को जमकर फटकारा है. पाकिस्तान जबसे यूएन सिक्योरिटी काउंसिल का अस्थायी सदस्य चुना गया है तब से उसकी भारत के खिलाफ बयानबाजी बढ़ती दिखी है. ऐसे में वह यूएन के सभी मंचों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ जहर उगलने में कर रहा है. पाकिस्तान ने यूएन की बैठक में भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का मुद्दा उठाया था. उसने इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया. हालांकि, भारत ने उसी मंच पर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया और पड़ोसी मुल्क की बोलती बंद कर दी.
यूएन में भारत की लीगल एडवाइजर काजल भट ने यूएन में पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा, “पाकिस्तान लगातार अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाला देश है. पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है.” संबोधन के दौरान उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में पाकिस्तान की तरफ से किए गए नरसंहार की भी याद दिलाई और कहा कि अभी तक पाकिस्तान ने इसके लिए माफी नहीं मांगी है.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार
पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के मामले में पहले से ही पूरी दुनिया में बदनाम है और आए-दिन खबरें आती हैं कि आज भी वहां अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार होता है. आजादी के बाद से लेकर लगातार पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी घटी है. मौजूदा समय में पाकिस्तान में यह स्थिति हो गई है कि अल्पसंख्यक अब नाम मात्र ही बचे हैं. इन हालातों के बावजूद पाकिस्तान का बहुसंख्यक कट्टरपंथी समुदाय लगातार हिंदू, सिख और ईसाइयों का उत्पीड़न कर रहा है. पाकिस्तान में गैर मुसलमानों पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता है, जबकि इस मसले में पाकिस्तान की पुलिस भी कुछ खास एक्शन नहीं ले पाती है.
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