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दिल्ली के रिज एरिया में 1100 पेड़ काटे जाने के मामले में शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रमुख सचिव, वन विभाग के अधिकारियों और डीडीए के उपाध्यक्ष सहित अधिकारियों को नोटिस जारी। मंत्री ने उन्हें तीन मंत्रियों की फैक्ट फाइडिंग समिति के सामने पेश होने को कहा है। इससे पहले भी अधिकारियों को नोटिस जारी करके पेश होने के लिए कहा गया था। लेकिन सिर्फ पुलिस अधिकारी आए। वहीं एक अधिकारी ने इस समिति की संवैधानिक वैधता पर ही सवाल उठाए थे।
दिल्ली सचिवालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री ने कहा, ‘अब वन और डीडीए अधिकारियों को समिति के समक्ष पेश होना होगा।’ आप मंत्री भारद्वाज ने कहा कि अधिकारी मंत्रियों को कोई भी जानकारी देने से मना नहीं कर सकता है। वन विभाग के प्रधान सचिव का जवाब नहीं देने का फैसला गलत है। उन्होंने कहा कि हमने दोबारा वन विभाग और डीडीए के कुल 10 अधिकारियों को नोटिस जारी कर बुधवार को चार बजे जानकारी कमेटी के सामने पेश होने के लिए कहा है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अधिकारियों द्वारा इस तरह का बर्ताव किया जा रहा है कि न जाने उनको बैठक के लिए बुलाकर कौन से नियम का उल्लंघन किया जा रहा है। वन और पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव लिखते हैं कि हम केवल अपने मंत्री को जवाब देने के लिए बाध्य हैं। मैंने अधिकारियों को कहा है कि वो जिस ट्रांजैक्शंस ऑफ बिजनेस रूल्स का हवाला देते हुए लिख रहे हैं कि हम केवल अपने मंत्री को ही जवाब देने के लिए बाध्य हैं, उसी ट्रांजैक्शंस ऑफ बिजनेस रूल्स की बुक के नियम 19(3) में यह लिखा है कि कोई भी मंत्री किसी भी विभाग के अधिकारियों से जानकारी मांग सकता है।
आप नेता ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि कई बार अनुरोध के बावजूद अधिकारियों ने अपने ही मंत्री को रिपोर्ट नहीं दी। विभाग के अधिकारियों का व्यवहार ऐसा है मानो बैठक में बुलाए जाने से वे किसी अज्ञात नियम या कानून का उल्लंघन कर रहे हों। बता दें कि दिल्ली के पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को दक्षिण दिल्ली में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा 1100 पेड़ों की कटाई की डिटेल्स जानने के लिए तीन मंत्रियों की फैक्ट फाइडिंग समिति का गठन किया है।
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