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यूडीएच ने एसीबी के जांच अधिकारी को अभियोजन स्वीकृति के मामले में 11 जुलाई को चर्चा के लिए बुलाया है।
हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर की अभियोजन स्वीकृति का मामला गहराता जा रहा है। सरकार से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने पर मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। एसीबी ने मंगलवार को मेयर मुनेश व उनके पति सुशील गुर्जर सहित अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में तथ्या
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राज्य सरकार के लोक अभियोजक के जरिए पेश की गई रिपोर्ट में कहा कि प्रारंभिक जांच में हेरिटेज मेयर व उनके पति सहित अन्य के खिलाफ जुर्म प्रमाणित मान लिया गया है। मेयर के खिलाफ अभियोजन मंजूरी की फाइल प्रमुख सचिव यूडीएच के पास भेजी है, लेकिन अब तक मंजूरी नहीं मिली है। मामले में 11 जुलाई को मीटिंग भी होने वाली है। इस पर जस्टिस एनएस ढड्ढ़ा ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद तय की।
वहीं यूडीएच ने एसीबी के जांच अधिकारी को अभियोजन स्वीकृति के मामले में 11 जुलाई को चर्चा के लिए बुलाया है। जांच अधिकारी प्रमुख शासन सचिव के सामने आरोप प्रमाणिकता के सबूत पेश करेंगे। इसके बाद यूडीएच सचिव सरकार को रिपोर्ट भेजेंगे। रिपोर्ट के आधार पर सरकार अभियोजन स्वीकृति देने और नहीं देने का निर्णय लेगी।
बता दें कि अदालत में सुधांशु सिंह ढिल्लन ने याचिका लगाई थी। प्रार्थी के अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने बताया कि पिछली सुनवाई पर अदालत ने एसीबी को मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। एसीबी ने मुनेश के खिलाफ अभियोजन मंजूरी की फाइल राज्य सरकार के पास भेजी है, लेकिन पेंडिंग चल रही है। इसलिए सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह अभियोजन मंजूरी से जुड़े मामले को जल्द निस्तारित करे, ताकि एसीबी अंतिम नतीजा संबंधित कोर्ट में पेश कर सके।
कानूनविद् बोले- भ्रष्टाचार साबित है तो अभियोजन में देरी क्यों?
- अधिवक्ता एके जैन का कहना है कि कानून कहता है कि भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में राज्य सरकार को आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी जल्द देनी चाहिए। हालांकि इसके लिए कोई समयावधि तय नहीं है, लेकिन यह मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है, इसलिए सरकार को सख्ती बरती चाहिए।
- अधिवक्ता अशोक कुमार शर्मा का कहना है भ्रष्टाचार, आर्थिक आतंकवाद है। सरकार जीरो टॉलरेंस पॉलिसी में ले।
- अधिवक्ता संदेश खंडेलवाल व सिद्दार्थ जैन मूथा का कहना है कि जांच एजेंसी ने अनुसंधान में जुर्म प्रमाणित मान लिए तो सरकार अभियोजन मंजूरी पर जल्द निर्णय ले।
एसीबी अफसर बोले- मेयर के कहने पर सुशील गुर्जर लेता था रिश्वत
मामले की जांच कर रहे एडिशनल एसपी राजेंद्र नयन का कहना है कि आरोपी सुशील गुर्जर ने पट्टे जारी करने के लिए पत्नी मेयर मुनेश गुर्जर के कहने पर ही रुपए लिए थे। सुशील ने जिन पट्टों के बदले रिश्वत ली थी, उनकी फाइलें मेयर के घर से बरामद की गई थीं। इस आधार पर पीसी एक्ट में जुर्म प्रमाणित माना गया। जांच के बाद 1 मई 2024 को मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की फाइल सरकार को भेजी गई है। केस विचाराधीन है।
“एसीबी में इस मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी को 11 जुलाई को चर्चा के लिए बुलाया है। उनसे चर्चा के बाद प्रदेश सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी। अभियोजन स्वीकृति जारी करने और नहीं करने का फैसला सरकार के स्तर पर लिया जाएगा।”
-टी रविकांत, प्रमुख शासन सचिव, यूडीएच
मामले में हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर का पक्ष जानने के लिए कई बार फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। मैसेज का जवाब भी नहीं दिया।
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