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नई दिल्ली24 मिनट पहले
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CJI 2 जुलाई को दिल्ली में 3 नए कोर्ट बिल्डिंग के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे। (फाइल)
1 जुलाई से लागू हुए 3 नए क्रिमिनल कानूनों को लेकर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि नए कानूनों का मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में लंबित है। इसलिए इस मामले पर कुछ भी बोलना ठीक नहीं होगा।
दरअसल, CJI मंगलवार (2 जुलाई) को दिल्ली में कड़कड़डूमा, शास्त्री पार्क और रोहिणी में तीन नए कोर्ट के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे। इसी दौरान उनसे नए कानूनों को लेकर सवाल किया गया था। इस पर उन्होंने कहा कि कोर्ट में आने वाले मामलों पर बोलना नहीं चाहिए।
दरअसल, देश में अंग्रेजों के जमाने से चल रहे कानूनों की जगह 3 नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई से लागू हो गए हैं। इन्हें IPC (1860), CrPC (1973) और एविडेंस एक्ट (1872) की जगह लाया गया है।
इन कानूनों के लागू होने से पहले सुप्रीम कोर्ट में कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका लगाई गई थी, जिसे खारिज कर दिया था। इसके अलावा कानूनों के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने की एक जनहित याचिका भी दायर की गई है, जिसपर अभी सुनवाई नहीं हुई है।
ये हैं सबसे बड़े बदलाव
- नए कानूनों के अनुसार आपराधिक मामलों में फैसला सुनवाई पूरी होने के 45 दिनों के अंदर आना चाहिए और पहली सुनवाई के 60 दिनों अंदर आरोप तय किए जाने चाहिए।
- बलात्कार पीड़ितों का बयान एक महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी। इन केसों में मेडिकल रिपोर्ट 7 दिनों के अंदर आनी चाहिए।
- ऑर्गनाइज्ड क्राइम और आतंकवाद को परिभाषित किया गया है। राजद्रोह की जगह देशद्रोह लिखा-पढ़ा जाएगा। सभी तलाशी और जब्ती की वीडियो रिकॉर्डिंग जरूरी होगी।
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