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ग्वालियर में पीएचई घोटाला (Public Health Engineering Scam, PHE Scam) मामले में प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। ग्वालियर कलेक्टर ने जिले में कथित पीएचई घोटाले के सिलसिले में 74 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं। सनद रहे ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने ग्वालियर जिले में हुए 84 करोड़ रुपये के पीएचई कथित घोटाले में पिछले साल 4 अगस्त को हीरा लाल, संजय सोलंकी और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
अब इस केस में आरोपियों की संख्या बढ़ती नजर आ रही है। ग्वालियर जिले के कलेक्टर रुचिका चौहान ने हाल ही में हुए एक घटनाक्रम में घोटाले की जांच रिपोर्ट की समीक्षा के बाद कार्रवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर ने एडीएम और वरिष्ठ कोषाधिकारी को घोटाले में संलिप्त पाए गए 74 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कलेक्टर चौहान ने कहा कि बीते दिनों पीएचई विभाग के वेतन प्रमुख की ओर से किए गए विभिन्न प्रकार के भुगतानों के बारे में शिकायत मिली थी। इसके बाद ट्रेजरी अधिकारी और वरिष्ठ वित्तीय अधिकारी के नेतृत्व में एक जांच समिति बनाई गई थी।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने बताया कि समिति ने कई दिनों तक विभिन्न बिंदुओं पर शिकायतों की जांच की। प्रथम दृष्टया जांच समिति ने ऐसे लोगों की सूची दी है जो घोटाले में स्पष्ट रूप से शामिल हैं। इसमें ऐसे करीब 74 लोग हैं। हम इन लोगों के नाम पहले से दर्ज एफआईआर में जोड़ने के लिए क्राइम ब्रांच को भेजेंगे। इनमें से छह तो पीएचई विभाग के कर्मचारी हैं।
पूरे मामले में जिन संस्थाओं या संगठनों को भुगतान किया गया और यदि कोई गलती थी, तो उन्हें भी तुरंत इसकी जानकारी देनी चाहिए थी। इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में इन संस्थाओं की भी इस मामले में संलिप्तता पाई जा रही है। यह घोटाला ग्वालियर के पीएचई विभाग में फर्जी भुगतान का है। यह मामला 27 जुलाई 2023 को सामने आया था।
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